भोपालः मध्य प्रदेश के उपचुनावों में मिली हार के बाद अब कांग्रेस पार्टी बड़े बदलाव की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन किया जाएगा, जिसका फॉर्मूला लगभग तैयार कर लिया गया है. सूत्रों की माने तो नगर-निगम चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन कर सकते हैं|
माना जा रहा है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जो नेता अच्छा परफॉर्मेंस देंगे उन्हें ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में स्थान दिया जाएगा. इसके लिए कांग्रेस ने फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है जिसके तहत पहले प्रदेश कांग्रेस की सभी इकाईयों को भंग किया जाएगा और निगम चुनाव के बाद इन इकाईयों का नए सिरे से गठन किया जाएगा. जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष, महासचिव से लेकर तमाम पदों पर बदलाव करने की चर्चा चल रही है. खास बात यह है कि इन पदों पर योग्यता के आधार पर ही नेताओं को जगह दी जाएगी|
खास बात यह है कि निगम चुनाव में जो नेता अच्छा परफॉर्मेंस नहीं देंगे उन्हें संगठन से बाहर करने की तैयारी भी है, क्योंकि नगर निगम चुनाव में कांग्रेस खोई हुई जमीन वापस पाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि पार्टी पूरी ताकत से निकाय चुनाव लड़ेगी. ऐसे में अगर किसी नेता की तरफ से भितरघात या अन्य किसी प्रकार की शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी|
वर्तमान में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक दर्जन से भी ज्यादा प्रदेश उपाध्यक्ष और महासचिव हैं, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अब केवल सीमित नेताओं को ही ही अपनी टीम में शामिल करेंगे. इसके अलावा हर नेता के काम काज का दो माह में रिपोर्ट कॉर्ड भी तैयार होगा. जिसके आधार पर ही यह फैसला किया जाएगा वो अपने पद पर रहेंगे या नहीं. जबकि हर नेता की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी और उसे उसी के दायरे में रहकर काम करना होगा. अगर ऐसा होता तो यह कांग्रेस पार्टी में उपचुनाव के बाद से सबसे बड़ा बदलाव होगा|
सूत्रों की माने तो प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा तैयार किए गए इस फॉर्मूलें पर कांग्रेस आलाकमान ने भी सहमति जताई है. जबकि प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस बदलाव से सहमत बताए जा रहे हैं. निकाय चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में यह बदलाव होना तय माना जा रहा है|
माना जा रहा है कि सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी में जो कमी हुई है उसे अब भरने की तैयारी कमलनाथ ने शुरू कर दी है. इसलिए कमलनाथ खुद नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़कर इस पद पर किसी आदिवासी नेता को इस पद की जिम्मेदारी सौपेंगे. जिसके लिए बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा का नाम तेजी से चल रहा है. इसके अलावा जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, सचिन यादव जैसे युवा नेताओं को भी इस बार पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. माना जा रहा है कि इन तीनों में से किसी एक को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा सकता है|
इसके अलावा कमलनाथ के करीबी नेताओं में शामिल हर्ष यादव, पीसी शर्मा, बृजेंद्र सिंह राठौर जैसे नेताओं को भी इस बार संगठन में जगह दी जाएगी. जबकि ग्वालियर चंबल से आने वाले लाखन सिंह यादव, रामनिवास रावत को भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है|