इसरो ने निजी क्षेत्र की तरफ से निर्मित किए जा रहे सैटेलाइटों को भी आसमान के दर्शन कराने की तैयारी कर ली है। यह तैयारी केंद्र सरकार की तरफ से किए गए सुधारों के तहत मिली छूट के महज आठ महीने के अंदर पूरी कर ली गई है। इसरो का पोलर रॉकेट पीसएलवी-सी51 अपने अगले अभियान में एक निजी अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट ‘आनंद’ को आसमान में साथ लेकर जाएगा।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के सिवन ने बृहस्पतिवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय क्षमता को अनलॉक करने वाले सुधारों की शुरुआत के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएसएलवी-सी51 का अगला अभियान हमारे लिए बेहद खास होगा। यह पूरे देश के लिए विशेष होगा।
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कम्युनिकेशन सैटेलाइट सीएमएस-01 को लेकर जा रहे पीएसएलवी-सी50 के सफल प्रक्षेपण के बाद सिवन मिशन कंट्रोल सेंटर में वैज्ञानिकों को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि आनंद सैटेलाइट एक स्टार्ट-अप कंपनी पिक्सल इंडिया ने तैयार की है। यह जल्द ही प्रक्षेपित की जाएगी और इसके साथ ही अंतरिक्ष की खोज में निजी क्षेत्र का प्रवेश भी शुरू हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा, दो अन्य सैटेलाइट ‘सतीश सैट’ और ‘यूनिट सैट’ भी जल्द ही भेजी जाएंगी। सतीश सैट को स्पेस किड्स इंडिया ने तैयार किया है, जबकि यूनिट सैट का निर्माण विश्वविद्यालयों के समूह ने किया है।
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बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने इस साल जून में ही निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष में खोज करने की इजाजत देने का निर्णय लिया था। निजी क्षेत्र को ग्रहों की खोज के लिए भेजे जाने वाले अभियानों में भी भागीदारी करने की अनुमति दे दी गई है। सिवन ने तब कहा था कि निजी क्षेत्र को रॉकेट और सैटेलाइट निर्माण करने जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों की इजाजत देना और प्रक्षेपण सेवाएं उपलब्ध कराना एक अहम सुधार साबित होगा।