इंदौर | एसएएफ के ड्राइवर ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी की हत्या के आरोपी दंपती की बेटी और उसका प्रेमी देर रात पुलिस गिरफ्त में आ गए। हत्या के बाद दोनों बाइक से रतलाम-मंदसौर के रास्ते राजस्थान भागने की फिराक में थे। रुक्मणि नगर में गुरुवार तड़के 5 बजे हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड में आरोपियों की तलाश के लिए इंदौर पुलिस ने 5 टीमें गठित की थीं। साइबर सेल भी एक्टिव था, इससे 12 घंटे के भीतर आरोपियों को पकड़ लिया गया। उनके पास से करीब एक लाख रुपए मिले हैं। बताया जा रहा है कि दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
जानकारी अनुसार हत्या की पूरी साजिश प्रेमी डीजे ने पुलिसकर्मी की नाबालिग बेटी के साथ की थी। वह उसके प्यार में इतनी पागल थी कि वह जो कहता वह करती थी। वह उसके लिए परिवार तक से टकराने को तैयार रहती थी। बुधवार रात डीजे लड़की के घर एक स्कूटी लेकर आया था। यह स्कूटी उसके किसी दोस्त की थी, जिसे उसने यह कहकर लिया था कि उसके पिताजी की तबीयत खराब है।
उन्हें डॉक्टर के पास लेकर जाना है। इसके बाद लड़की की इससे लगातार चैटिंग होती रही। बताया जा रहा है कि लड़की ने माता-पिता को कोई गोली भी खिला दी थी, जिससे उन्हें ज्यादा नींद आ गई। इसके बाद लड़की के इशारा पाते ही डीजे सुबह 3 बजे फरसा और लोहे की रॉड लेकर लड़की के घर आ धमका। यहां लड़की ने साजिश के तहत दरवाजा खोल दिया और उसे भीतर कर मां की हत्या करवा दी। मां की चीख सुन पिता जागे तो उन पर भी हमला कर दिया। नशे में होने की वजह से वह ज्यादा विरोध नहीं कर पाए और शोर मचाने लगे। इस पर लड़की बाहर कुत्ता घुमाने लगी, जिससे कोई पूछे तो कह दे कि माता-पिता लड़ रहे हैं।
हत्या के बाद प्रेमी डीजे से साजिश के तहत पिता पर गंभीर आरोप लगाने वाला एक लेटर लिखवाया। इसके बाद वह हथियार सहित लड़की लेकर रवाना हो गया। जाते-जाते इन्होंने बाहर से गेट पर ताला भी लगा दिया। लड़का यहां से सीधे अपने दोस्त के घर पहुंचा, लेकिन उसने लड़की को थोड़ा पहले ही उतार दिया था। उसकी स्कूटी देने के बाद वह अपने घर गया और अपनी बाइक लेकर लड़की के पास आया और यहां से उसे बिठाकर रतलाम वाली रोड पर गाड़ी दौड़ा दी। पता चला है कि पूछताछ के दौरान भी लड़की और उनके प्रेमी ने गुनाह कबूल लिया है। लड़की का कहना है कि उन्हें किसी बात का अफसोस नहीं है।
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