इंदौर : प्रधानमंत्री पत्र विक्रेता योजना में सहयोग नहीं करने पर इंदौर के 10 से अधिक निजी और सरकारी बैंकों को सील किया गया है। निगम ने यह कार्रवाई भले ही राजस्व के नाम पर की हो लेकिन कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं करने पर निगम ने बैंक सील किए हैं। प्रधानमंत्री पत्र विक्रेता योजना के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए रविवार को भी बैंक खोलने के आदेश जारी किए गए थे।
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आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पथ विक्रेता योजना प्रारंभ की है। इस योजना के तहत छोटे कामकाज प्रारंभ करने के लिए 10 हजार तक का लोन दिया जाता है। निजी और सरकारी दोनो बैंकों को इस योजना के तहत लोन देना है, लेकिन इंदौर शहर इस योजना के तहत दिए गए लक्ष्य से काफी पीछे है।
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लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने रविवार को भी बैंक खोलने के आदेश जारी किए थे। ताकि पथ विक्रेताओं को लोन मुहैया कराया जा सके, लेकिन इंदौर शहर में कई निजी व सरकारी बैंकों ने कलेक्टर की आदेश की अवहेलना करते हुए बैंकों को बंद रखा था। इसकी वजह से कई पथ विक्रेता इस योजना के तहत लोन नहीं ले सके। इन सभी हितग्राहियों को नगर निगम के अधिकारी बैंक लेकर पहुंचे थे।
वहीं, जब बैंक बंद होने की जानकारी कलेक्टर मनीष सिंह और निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को लगी तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए ऐसे सभी बैंकों को सील करने के आदेश दिए। अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव ने एसडीएम के साथ शहर की सभी बैंकों का निरीक्षण किया और जो बैंक बंद मिले, उन्हें सील करवाया है।
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श्रृंगार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम के अधिकारी जब प्रधानमंत्री पत्र विक्रेता के हितग्राहियों को बैंक लेकर पहुंचे तो बैंक बंद मिली है। निगम सीधे बैंक सील नहीं कर सकता था। इसलिए राजस्व बकाया होने पर यह कार्रवाई की गई है।