इंदौर | सिंधी कॉलोनी के बॉयज होस्टल में रहने वाले 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र विकास तिवारी ने मंगलवार को जहर खाकर खुदकुशी कर ली। उसके चचेरे भाई का कहना है कि वह पढ़ने में होशियार था। उसका आईआईटी दिल्ली में एडमिशन हो गया था, पर मनपसंद ब्रांच नहीं मिलने से आईआईटी दिल्ली छोड़ जीएसआईटीएस में दाखिला ले लिया था। यहीं पर उसे पबजी खेलने की लत लग गई। फेल होने के कारण उसे कॉलेज भी छोड़ना पड़ा। जब पबजी बंद हुआ तो वह डिप्रेशन में चला गया।
चार दिन पहले ही वह पीएससी की तैयारी करने के लिए पिता के साथ इंदौर आया था और उसने यह कदम उठा लिया। जूनी इंदौर पुलिस के अनुसार, विकास सिंगरौली के छितरंगी का रहने वाला था। उसके पिता धर्मराज तिवारी प्रिंसिपल हैं। उन्होंने इंदौर की एक बड़ी कोचिंग एकेडमी में उसका एडमिशन कराया। दो दिन वह उसके साथ रहे। फिर वे चले गए। तब तक विकास काफी अच्छा था, लेकिन पता नहीं था कि वह अंदर ही अंदर घुट रहा था।
दोस्त नीतीश तिवारी ने बताया कि विकास की मौत से माता-पिता बहुत दुखी हैं। 1400 किलोमीटर दूर उन्हें बुलाने से बेहतर हम खुद उसका शव लेकर गांव जा रहे हैं। गुरुवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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मां और पापा मुझे माफ कर दो। मैं टूट चुका हूं। मैं नहीं जानता कि मुझे क्या कहना चाहिए। आप तीनों (बहन भी) को बहुत सारा प्यार। तीन साल में मैं पागल हो चुका हूं। मैंने खुद से नफरत करना शुरू कर दिया है। मैं जानता हूं कि ये आप तीनों के लिए दर्द भरा होगा। आपको आगे बढ़ना ही होगा, लेकिन मेरी तरह नहीं। आप खुद को मजबूत बनाना। मैं लिख रहा हूं, लेकिन मेरे हाथ हिल रहे हैं। मैं जानता हूं कि आप नहीं पढ़ सकते। कोई ना कोई तो आपके लिए पढ़ेगा। मैं जानता हूं। मैं एक बार फिर से एक बार आपसे माफी मांग रहा हूं। गुड बाय
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