भोपाल | लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अवैध लेनदेन मामले में केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (CBDT) की रिपोर्ट में जिन पुलिस अफसरों (Police officers) के नाम शामिल हैं. ऐसा माना जा हा है कि राज्य सरकार (State government) उन पर जल्द ही अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी. क्योंकि केंद्र सरकार (Government) ने राज्य सरकार को इसके लिए अनुमति भी दे दी है सीबीडीटी जांच में जिन चार अफसरों का नाम है, उनमें IPS सुशोभन बैनर्जी, संजय माने, वी.मधुकुमार समेत SPS अरुण मिश्रा शामिल हैं|
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वहीं, अपने बचाव के लिए इन अफसरों ने शिवराज सरकार (Shivraj government) पर पलटवार किया है. अफसरों ने वकील द्वारा दिए गए लीगल नोटिस पर सवाल उठाया. उनका कहना है कि डायरी में शामिल 150 में से 12 अफसर शामिल हैं, लेकिन राज्य सरकार राजनीतिक कारणों से सिर्फ 4 अफसरों को ही टारगेट कर रही है|
सीबीडीटी (CBDT) जांच में फंसे चारों अफसरों ने केस डायरी में नामों के साथ छेड़छाड़ को लेकर आशंका जताई है. इन अफसरों ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि आयकर की अप्रेजल रिपोर्ट बनने से पहले सरकार को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है. इसके लिए अफसरों ने जैन हवाला कांड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तर्क दिया है साथ ही कहा कि उनकी गिरफ्तारी केवल डायरी में नाम होने की वजह से नहीं की जा सकती है |
आपको बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजी थी. चुनाव आयोग (Election commission) ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजकर चार पुलिस अधिकारियों (तीन आइपीएस सुशोवन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा) के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज कराने को कहा था. मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है हालांकि अभी तक किसी को नामजद नहीं किया गया है|
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