बुरहानपुर। दुनिया में प्यार की अमर निशानी की बात जब जब की जाती है तो जहन में मुगल बदशाह शाहजहां के बनाए ताजमहल का ही याद आती है। प्यार की अनूठी मिसाल कहे जाने वाली ताजमहल जैसी ही एक खुबसूरत इमारत बुरहानपुर में हाल ही में बनकर तैयार हुई है। खास बात ये है कि ये कोई मकबरा नहीं बल्कि एक घर है जिसमें लोग रहते हैं और घर की तरह यहां बेडरुम, किचिन जैसी दूसरी जरुरी सुविधाएं भी हैं।
ताजमहल जैसे इस घर में आम घरों जैसे 4 बेडरूम, किचन, लाइब्रेरी और एक मेडिटेशन रूम भी है। घर के फर्श राजस्थान के मकराना से मंगवाए गए संगमरमर से बनवाए गए है। फर्नीचर मुंबई के कारीगरों ने तैयार किया है। इन घर में मीनारे भी हैं जिसका क्षेत्रफल 90×90 है। घर की गुंबद 29 फीट की ऊंचाई पर है।
आगरा का ताजमहल शाहजहां ने अपनी पसंदीदा बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। उसी तरह बुरहानपुर के शिक्षाविद् और मेक्रो विजन स्कूल के संचालक आनंद प्रकाश चौकसे ने इसे अपनी पत्नी मंजूषा चौकसे को तोहफे में दिया है। जिसे मौजूद समय में किसी पति का अपनी पत्नी को दिया सबसे प्यारा तोहफा कहा जा सकता है।ताजमहल के प्रतिरूप को बनाना आसान नहीं था। आनंद प्रकाश चौकसे को इसके लिए तीन साल का लंबा इतजार करना पड़ा। उन्होंने आगरा से कारीगर बुलवाए और राजस्थान के मकराना से संगमरमर का इंतजाम भी किया।
इसे एक विडंबना ही कहेंगे कि मुमताज की मौत बुरहानपुर में हुई थी और ताजमहल की तामीर बुरहनपुर में ही की जानी थी। लेकिन इसे यहां से करीब हजार
किलोमीटर दूर आगरा में बनवाया गया। बुरहानपुर जिले के लोगों के दिल में रही उस कसक को कहीं ना कही आनंद प्रकाश चौकसे ने दूर करने की कोशिश की है और बुरहानपुर में ताजमहल का सपना साकार किया है।