ग्वालियर। परिवार बीमारियों से परेशान और खुद मजदूरी करके पेट पालने वाले जितेंद्र गोस्वामी को कलेक्टर की जनसुनवाई में देख सभी अधिकारी हैरान रह गए। इसका कारण था मोहना निवासी जितेंद्र गोस्वामी शिकायतों का बोरा लेकर पहुंचा था।
बोरे में पिछले छह सालों से लगातार वह पीएम आवास के लिए सरकारी दफ्तरों में आवेदन दे रहा था, उसकी किसी ने नहीं सुनी थी। परेशान होकर वह जहां भी शिकायत करने जाता पुरानी शिकायतों को साथ रखता था। मंगलवार को भी यही हुआ, जितेंद्र गोस्वामी बोरा लेकर पहुंचा।
पहले सुरक्षाकर्मियों को संदेह हुआ लेकिन जब बोरा चेक किया तो उसमें कागज ही कागज थे। कलेक्टर रुचिका चौहान ने जितेंद्र की शिकायत को सुना और तकनीकी कारणों से जो जितेंद्र को आवास नहीं मिल पा रहा था, जांच कराकर जितेंद्र का नाम पीएम आवास प्लस योजना में जुड़वा दिया।
कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में इस बार 128 लोगों की सुनवाई की गई। कलेक्टर को जितेंद्र ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि पात्रता होने के बाबजूद भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मेरे नाम से आवास मंजूर नहीं हुआ है। इसके लिये हमने नगर परिषद व विकासखंड स्तर पर कई बार प्रयास किए पर सफलता नहीं मिली।
कलेक्टर ने उनके आवेदन के आधार पर छानबीन कराई, तब पता चला कि तकनीकी कारणों से जितेन्द्र गोस्वामी के लिए आवास मंजूर नहीं हो सका है। मोहना जब ग्राम पंचायत थी, तब उनका नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल था।
मोहना के नगर पंचायत बनने के बाद नए सिरे से लक्ष्य और प्राथमिकता क्रम का निर्धारण हुआ। इस वजह से जितेन्द्र के लिये आवास स्वीकृत होने में देरी हुई। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में उनका नाम शामिल करा दिया है। अब जल्द ही जितेन्द्र के खाते में मकान बनाने के लिए पहली किश्त पहुंच जाएगी।