31.1 C
Bhopal
Wednesday, October 16, 2024

MP में फिर से की जाएगी प्रशासनिक जमावट, मैदानी फेरबदल से लेकर मंत्रालय स्तर तक होगा बदलाव

Must read

 

भोपाल। मध्य प्रदेश के नए प्रशासनिक मुखिया जल्द ही अपने हिसाब से प्रशासनिक जमावट कर सकते हैं। इसमें विशेषज्ञ अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मैदानी फेरबदल से लेकर मंत्रालय स्तर पर बदलाव होगा। गौरतलब है कि वर्ष 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन ने प्रदेश के मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद अधिकारियों को अपनी मंशा से अवगत करा दिया था। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि वे महत्वपूर्ण और सीधे जनता से जुड़ी योजनाओं का पहले स्वयं अध्ययन करें और फिर उन्हें क्रियान्वित कराए, साथ ही उन्होंने सरकार की नीतियों और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन पर अधिकारियों से काम करने को कहा था।

मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की माने तो सीएस जैन ने अपने स्तर पर अलग-अलग विभागों में पदस्थ उप सचिव स्तर तक के अधिकारियों की कार्यशैली की जानकारी जुटाई है। बताया गया है कि सीएस जैन ने इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी विश्वास में लिया है और उन्हें सलाह दी है कि महत्वपूर्ण विभागों में ऐसे प्रयास किए जाए कि वहां पर उप सचिव स्तर तक ऐसे अधिकारियों को पदस्थ किया जाए, जो काम करने के मामले में माहिर है और उन्हें विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी है।

दीपावली के बाद तबादलों की संभावना…

जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दीपावली पर्व के बाद ही तबादलों पर से प्रतिबंध हटा सकते है। ऐसे में दीपावली के बाद प्रभारी मंत्रियों की अनुशंसा पर जिला स्तर पर और विभागों में मंत्रियों के निर्देश पर तबादले हो सकेंगे। मंत्रालय से लेकर मैदानी अधिकारी बदलेंगे। वहीं, सूत्रों का कहना है कि त्यौहारों के बाद प्रदेश में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। इनमें से कुछ ऐसे बड़े विभागों के अधिकारी भी बदले जा सकते है, जिन्हें कुछ दिनों पहले ही जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन वह बेहतर परिणाम नहीं दे पा रहे है। इसके अलावा कुछ संभाग युक्त, एक दर्जन जिलों में कलेक्टर की नई सिरे से पद स्थापना भी की जा सकती है।

विधायकों की नाराजगी पर भी नजर…

सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से सत्ताधारी दल के विधायक अधिकारियों को लेकर अपना असंतोष जता रहे है, उस पर भी प्रशासन स्तर पर नजर रखी जा रही है। सीएम डॉ. यादव के कहने पर मुख्य सचिव द्वारा ऐसे जिलों के अधिकारियों के संबंध में यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर जन प्रतिनिधि उनसे नाराज क्यों है, क्या वाकई में वे सरकार की मंशा के अनुरूप में काम नहीं कर पा रहे है या फिर कोई दूसरी वजह है। गौरतलब है कि भाजपा संगठन और सरकार की समन्वय बैठक में अधिकारियों द्वारा जन प्रतिनिधियों को महत्व नहीं देने का मुद्दा कई बार उठ चुका है। इतना ही नहीं भाजपा की बैठकों में विधायक, सांसद भी अफसरों के निरंकुश होने की बात कह चुके है। सार्वजनिक तौर पर भी पिछले दिनों कई वरिष्ठ विधायकों द्वारा भी अधिकारियों पर खुले तौर पर आरोप लगाते हुए उन्हें हिदायत भी दी गई है। ऐसे में नए सीएस प्रशासनिक छवि को बेहतर बनाने के लिए इस संबंध में भी कोई ठोस निर्णय ले सकते है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!