Saturday, April 19, 2025

चीतों के बाद अब एमपी में आएंगे गेंडे, वन विभाग ने लिखा लेटर

भोपाल: मध्य प्रदेश में चीतों के सफल पुनर्वास के बाद अब वन विभाग ने गैंडों को बसाने की योजना बनाई है। यह कदम न केवल प्रदेश में वन्यजीवों की विविधता बढ़ाने के लिए है, बल्कि इससे पर्यटकों के लिए भी एक नई आकर्षण का केंद्र बनेगा।

गैंडों के बसाने की प्रक्रिया:

मध्यप्रदेश वन विभाग ने भारतीय वन्यजीव संस्थान को इस संबंध में एक पत्र भेजा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ बैठक में इस दिशा में निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने गैंडों के लिए अनुकूल वातावरण और स्थान की पहचान करने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने का सुझाव दिया।

गैंडों की वर्तमान स्थिति:

भारत में वर्तमान में गैंडों की संख्या करीब 2900 है, जिनमें से सबसे अधिक असम में हैं, जहां लगभग 2500 गैंडे पाए जाते हैं। अन्य राज्य जहां गैंडों की उपस्थिति है, उनमें पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। असम के काजीरंगा नेशनल पार्क, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, और दुधवा नेशनल पार्क उत्तर प्रदेश में गैंडों के लिए प्रसिद्ध हैं।

गैंडों के लिए अनुकूल आवास:

मध्य प्रदेश वन विभाग ने देहरादून के वन्यजीव संस्थान से मदद मांगी है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि गैंडों को किस प्रकार के वातावरण में रखा जाए और कौन सी जगह उनके लिए अनुकूल आवास होगी। इस दिशा में शोध एवं विश्लेषण करने के बाद ही गैंडों के बसाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि अभी तय नहीं है कि गेंडों को किस नेशनल पार्क में रखा जाएगा.

पर्यटन में वृद्धि:

गैंडों के आने से मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि होगी, जो राज्य के पर्यटन को और बढ़ावा देगा। इससे पर्यटकों के लिए एक नया अनुभव प्रदान किया जा सकेगा, जिससे न केवल वन्यजीवों के संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

मध्य प्रदेश में गैंडों के बसाने की यह योजना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसे पर्यटक आकर्षण के रूप में भी देखा जा रहा है। राज्य सरकार की यह पहल वन्यजीव संरक्षण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!