भोपाल। त्रि-स्तरीय चुनाव को लेकर आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिले की 222 पंचायतों में चुनावी रण शुरू हो गया है। इन पंचायतों में महिला एवं पुरुष उम्मीदवारों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बुधवार को जिला, जनपद कार्यालयों में जैसे-जैसे आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो रही थी। वैसे-वैसे वहां मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष, सदस्य और सरपंच उम्मीदवारों के बीच अपने क्षेत्र में चुनाव लड़ने की रणनीति बनना शुरू हो गई थी। कुछ वार्डों में आरक्षण को लेकर विवाद भी शुरू हुआ था, लेकिन कलेक्टर के समझाने पर वह दूर हो गया। अब सिर्फ जिला पंचायत अध्यक्ष के पद को लेकर आरक्षण की प्रक्रिया होना है। इसका सभी उम्मीदवारों को इंतजार है।
जनपद पंचायत फंदा की 96 और बैरसिया की 126 ग्राम पंचायतों में सभी उम्मीदवारों को अब तारीख का इंतजार है। अधिकांश पंचायतों में महिला उम्मीदवारों के लिए पद आरक्षित हुए हैं। इससे सभी वर्ग के महिला उम्मीदवारों को तैयार करने का काम अभी से शुरू कर दिया गया है। राजधानी से जुड़े होने की वजह से पंचायतों में राजनीतिक पार्टीयों का वर्चस्व भी रहता है। इससे यहां के पंचायत चुनावों को कांग्रेस और भाजपा से जोड़कर भी देखा जाता है। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी के मंडल अध्यक्ष भी सक्रिय हो गए हैं।
पूर्व में जनवरी में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। उम्मीदवारों ने पोस्टर और पर्चे तक छपवा कर रख लिए थे। कई पंचायतों में उम्मीदवारों ने प्रचार-प्रसार शुरू कर सामग्री बांटना शुरू कर दिया था लेकिन आरक्षण का पेंच फंसने की वजह से चुनाव निरस्त कर दिए गए थे। ऐसे में अब फिर से पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों को खर्चा करना होगा। यानी डबल खर्चा होगा। इस तरह से उन पर दोहरी आर्थिक मार पड़ेगी।