ग्वालियर। 19 नवंबर को 581 साल बाद सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगा था। वहीं आज 4 दिसंबर शनि अमावस्या के दिन साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का विशेष संयोग बन रहा है। आज सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण के ठीक 15 दिनों के बाद लगा है। सूर्य ग्रहण आज सुबह 10.59 से शुरू होगा और दोपहर 03.07 बजे तक रहेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा।
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या में लगने वाले सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार पुरी ने बताया कि आज लगने वाला सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जाएगा, जिसकी वजह से इसका सूतक काल भी भारत मे मान्य नहीं होगा। आज का सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा। साथ ही सूर्य का संयोग केतु से बनने जा रहा है। इस ग्रहण में चंद्रमा और बुध का योग भी रहेगा। ग्रहण में सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बन सकती है। साथ ही राजनैतिक रूप से उथल-पुथल मच सकती है। वृश्चिक राशि विष की राशि है। इसलिए बीमारियां और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, आकस्मिक दुर्घटना और त्रासदी जैसी स्थितियां उत्पन होने की संभावना है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण में सूतक काल वह समय होता है, जिसमे कई कार्यों को करने की मनाही होती है। इसमें मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। यह तब तक रहता है जब तक सूर्य ग्रहण समाप्त नहीं हो जाता। वहीं चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल 09 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाता है। आज सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।