22.2 C
Bhopal
Friday, October 18, 2024

भोपाल में अतिथि शिक्षकों का आंदोलन तेज, नियमितिकरण की मांग को लेकर पुलिस से झड़प

Must read

भोपाल: मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नियमितिकरण की मांग को लेकर भोपाल में बुधवार को सैकड़ों अतिथि शिक्षक सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया। राजधानी के अंबेडकर मैदान से अतिथि शिक्षकों ने सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालने का ऐलान किया, जिसके दौरान पुलिस और शिक्षकों के बीच धक्का-मुक्की की घटनाएं सामने आईं। इस प्रदर्शन में एक महिला शिक्षक की तबीयत बिगड़ने से वे बेहोश हो गईं, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

सरकार पर गुमराह करने का आरोप
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि पिछली बार सरकार ने उन्हें गुमराह किया था। इस बार वे अपना स्थायीकरण लेकर ही वापस लौटेंगे। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

अतिथि शिक्षक कई वर्षों से राज्य में अपने स्थायीकरण और अनुबंध आधारित रोजगार की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे लंबे समय से अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं और अब उनके सब्र का बांध टूट चुका है। इस बार वे किसी भी कीमत पर अपनी मांगे मनवाकर ही दम लेंगे।

सरकार की अधूरी घोषणाएं
अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने पहले कई घोषणाएं की थीं, लेकिन उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया। इनमें प्रमुख घोषणाएं इस प्रकार हैं:

पीरियड आधारित मानदेय को हटाकर मासिक आधार पर भुगतान की व्यवस्था।
एक साल के अनुबंध का प्रावधान, जिसे हर वर्ष नवीनीकृत किया जाएगा।
शिक्षक भर्ती में आरक्षण को 25% से बढ़ाकर 50% करना।
निश्चित तारीख पर मासिक मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करना।
पात्रता परीक्षा के माध्यम से अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की योजना।
किसी भी अतिथि शिक्षक की सेवा को वर्ष के मध्य में समाप्त नहीं करना और कोई गैप न देना।

कमलनाथ का समर्थन
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अतिथि शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक लगातार नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आज गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री आवास की ओर न्याय यात्रा निकालने का प्रयास कर रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से अपील करता हूं कि अतिथि शिक्षकों की मांगों को तुरंत स्वीकार करें, क्योंकि ये मांगे पिछली बीजेपी सरकार के वादों पर आधारित हैं।”

अतिथि शिक्षकों ने प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रमुख मांगें उठाईं, जिनमें शामिल हैं:

  • अनुभव आधारित अंक: प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक दिए जाएं, अधिकतम 100 अंक तक।
  • अनुभव आधारित नीति: अतिथि शिक्षकों के अनुभव के आधार पर 12 महीने की सेवा प्रदान की जाए और उनकी नियुक्ति स्थायी की जाए।
  • पुनः अवसर: जिन अतिथि शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 30% से कम है, उन्हें दूसरा मौका दिया जाए।
  • पात्रता परीक्षा: गुरुजियों की तर्ज पर अतिथि शिक्षकों के लिए भी एक अलग पात्रता परीक्षा आयोजित की जाए।
  • वार्षिक अनुबंध: सत्र 2024-25 से अतिथि शिक्षकों के लिए वार्षिक अनुबंध प्रक्रिया लागू की जाए।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!