जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने गरीबी और बेरोजगार को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि अगले पांच साल में प्रदेश व देश से बेरोजगारी और गरीबी खत्म हो जाएगी। हम जैविक खेती का मॉडल अपना कर कृषि को लाभ का धंधा बना देंगे। किसान खुद अपने उत्पाद की ब्रांडिंग कर एमआरपी तय करेंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि अब तक खाद-बीज के लिए ही ऋण मिलता था। अब उन्हें व्यवसाय के लिए भी कर्ज मिलेगा। चार-पांच साल के अंदर बेरोजगारी और गरीबी नाम की चीज नहीं होगी। अभी परिवार में एक कमाता है और सब खाते हैं। अब सभी को काम मिलेगा। सभी कमाएंगे तो भारत फिर से सोने की चिड़िया बन जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि आदिवासी जिले डिंडौरी, मंडला, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, छिंदवाड़ा और झाबुआ जैसे जिलों की मिट्टी अभी पेस्टीफाई से जहरीली नहीं हुई है। यहां की जमीनों का जैविक प्रमाणीकरण कराएंगे। इसके बाद यहां के उत्पाद की ब्रांडिंग कर एक्सपोर्ट करेंगे। इससे किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी।
कृषि मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के गोधन योजना को हम एमपी में भी अपनाएंगे। अच्छे कार्यों को अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने पंजाब-हरियाणा में पेस्टीफाइ से होने वाली पैदवार के चलते बीपी, कैंसर जैसी बीमारियों का जिक्र करते हुए कहा कि अब जमीन को जहरीला बनाने की बजाए जैविक खाद का उपयोग कर उसे स्वस्थ्य बनाने की जरूरत है।