18.1 C
Bhopal
Wednesday, November 20, 2024

कृषि मंत्री बोले- अगर किसान हर क्लॉज पर आपत्तियां समझा पाए तो कानून में बदलाव के बारे में सोचेंगे

Must read

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर पहली बार केंद्र सरकार के बयान में समझौते का इशारा मिला। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा संकट को दूर करने के लिए विरोध करने वाले संगठनों से औपचारिक बातचीत चल रही है। साल खत्म होने से पहले नतीजा निकलने की उम्मीद है। हालांकि, संगठन कह रहे हैं कि उन्हें कानूनों को खत्म करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

ये भी पढ़े : इंदौर में इश्क में इतनी पागल हो गई थी , कि प्रेमी के कहने पर बाप पर लगाया दुष्कर्म का आरोप

तोमर ने कहा कि अगर किसान अपनी हर क्लॉज पर अपनी आपत्तियों के बारे में हमें समझा पाए तो कानूनों में बदलाव पर विचार करेंगे। तोमर ने ये बातें न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कही हैं।

कृषि कानूनों और आंदोलन पर तोमर की 5 बातें

ये भी पढ़े : 4500 अमेरिकियों को लगाया एक अरब का चूना, दिल्ली पुलिस ने किया भंडाफोड़

1. चिंता वाजिब हो तो दूर करेंगे

तोमर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की सभी वाजिब चिंताओं को दूर करने के लिए कमिटेड है। सरकार इसके लिए औपचारिक बातचीत फिर शुरू करने को भी तैयार है, लेकिन इस बात पर जोर दिया गया है कि उन लोगों के किसी भी पॉइंट पर बात नहीं होगी जो किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चला रहे हैं।

ये भी पढ़े :  “और कितनी जाने लोगे” कहकर केजरीवाल ने विधानसभा में फाड़ी कृषि कानून की कॉपी

2. विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा

केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों को गुमराह करने के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने विपक्ष पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया। केंद्र की ओर से नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों से बात कर रहे हैं। इसकी अगुआई तोमर कर रहे हैं।

ये भी पढ़े :  राजस्थान: लड़कियों को अकेले कमरे में बुलाकर शिक्षक शारीरिक संबंध बनाने का डालता था दबाव

3. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करेंगे

इस सवाल पर कि क्या सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की जाने वाली समिति बातचीत करेगी और समाधान निकालेगी या फिर सरकार अपनी कोशिशें जारी रखेगी? तोमर ने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं से बातचीत के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं और आगे के कदम के लिए हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कानून में बदलाव पर विचार कर सकती है अगर वे एक-एक क्लॉज पर अपनी आपत्तियों को समझाने में कामयाब रहें।

ये भी पढ़े : सरकारी कांट्रेक्टर के पास मिले 700 करोड़ का काला धन, IT Raid में खुलासा

4. हर चीज के लिए कानून नहीं होता

तोमर ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याएं हल करने के लिए है, लेकिन समस्या क्या है, यही नहीं बताया जाए तो सरकार हल कैसे निकालेगी। जब उनसे यह पूछा गया कि सरकार MSP का वादा पूरा कैसे करेगी। उन्होंने कहा कि हम लिखित में देने को तैयार हैं। यह प्रशासनिक फैसला है। हर चीज के लिए कानून नहीं हो सकता। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए हैं।

ये भी पढ़े :  विक्रांत भूरिया बने युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, संजय सिंह को 20420 वोट से हराया

5. पहले विपक्ष कानून में बदलाव के समर्थन में था

अकाली दल ने आरोप लगाया था कि भाजपा असली टुकड़े-टुकड़े गैंग है। इस पर तोमर ने कहा, ‘राजनीतिक दलों को किसानों के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ये वही पार्टियां हैं, जो चुनाव के समय इस बदलाव का समर्थन कर रही थीं। 2019 के आम चुनाव और पंजाब के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हो, अकाली दल हो या आम आदमी पार्टी, सभी इन बदलावों का समर्थन कर रही थीं। अब उन्होंने अपना रुख बदल लिया है।

ये भी पढ़े : 4500 अमेरिकियों को लगाया एक अरब का चूना, दिल्ली पुलिस ने किया भंडाफोड़

गुरुवार को तोमर ने किसानों के नाम आठ पेज का खुला पत्र लिखा था

किसान आंदोलन के 22वें दिन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम एक चिट्‌ठी लिखी। इसमें उन्होंने किसानों की चिंताएं दूर करने के साथ ही विपक्ष का मोहरा न बनने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 1962 के युद्ध में देश की विचारधारा का विरोध किया था, वही लोग किसानों को पर्दे के पीछे से गुमराह कर रहे हैं, आज वे फिर से 1962 की भाषा बोल रहे हैं।

    Daily Update के लिए अभी डाउनलोड करे : MP samachar का मोबाइल एप 

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!