Ahmedabad Plane Crash: गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे लेकिन हादसे के बाद केवल एक ही व्यक्ति को जिंदा पाया गया। बाकी सभी की मौत हो चुकी है। इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। हादसा अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद हुआ जब अचानक विमान नीचे गिर गया। अब यह हादसा कैसे हुआ इस पर जांच शुरू हो चुकी है लेकिन एकमात्र जीवित बचे यात्री की कहानी भी अब लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है।
हादसे की संभावित वजहें और शुरुआती कयास
फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि विमान आखिर क्यों क्रैश हुआ लेकिन विशेषज्ञों ने कुछ संभावित कारणों की सूची दी है। पहला कारण हो सकता है कि विमान के दोनों इंजन एक साथ फेल हो गए हों। दूसरा कारण यह हो सकता है कि किसी पक्षी से टकराने की वजह से तकनीकी गड़बड़ी हुई हो। गर्मी की अधिकता भी एक बड़ा कारण बन सकती है क्योंकि जब तापमान हद से ज्यादा हो जाता है तो इंजन पर असर पड़ सकता है। वजन अधिक होना या ईंधन की सप्लाई में बाधा भी इस तरह की दुर्घटनाओं को जन्म दे सकती है। इसके अलावा तकनीकी या इलेक्ट्रिकल फॉल्ट भी किसी समय अचानक गंभीर हादसे का कारण बन सकता है। इन सभी वजहों की गहराई से जांच की जा रही है।
ब्लैक बॉक्स से मिलेगी असली जानकारी
इस विमान का ब्लैक बॉक्स खोज लिया गया है जो हादसे की असली वजह जानने में बहुत मदद करेगा। इसके अलावा विमान का DVR और इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर पहले ही मिल चुका है। हालांकि इन दोनों में तकनीकी जानकारी नहीं होती। DVR केवल कैमरों में रिकॉर्ड हुई गतिविधियों को दिखाता है जबकि लोकेटर केवल विमान की लोकेशन बताता है। ब्लैक बॉक्स में पायलट की बातचीत और तकनीकी डेटा रिकॉर्ड होते हैं जिससे यह जाना जा सकता है कि हादसे के वक्त कॉकपिट में क्या हुआ था। अब जांच एजेंसियों के पास वह अहम डिवाइस है जिससे असली वजह सामने आ सकेगी।
तीन देश और कई एजेंसियां जुटीं जांच में
इस हादसे की जांच में भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो मुख्य भूमिका निभा रही है। इसके साथ अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी सहयोग कर रही हैं। तीन देशों की यह संयुक्त जांच टीम अब तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हर एंगल से जाँच कर रही है। विमान का मलबा भी जांच के लिए सुरक्षित किया गया है जिससे हर पुर्जे की स्थिति का पता लगाया जा सके। हादसे के बाद भारत की DGCA ने सुरक्षा निर्देश और कड़े कर दिए हैं और खास तौर पर बोइंग 787-8 और 787-9 एयरक्राफ्ट पर अतिरिक्त जांच अनिवार्य कर दी गई है जो 15 जून की रात 12 बजे से लागू हो जाएगा।
सवालों के घेरे में विमान कंपनी और मेंटेनेंस प्रणाली
यह हादसा विमानन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। क्या विमान की सही मेंटेनेंस की जा रही थी। क्या पायलट को सही दिशा निर्देश मिल रहे थे। क्या इंजन या तकनीकी उपकरणों में पहले से कोई गड़बड़ी थी जिसकी अनदेखी हुई। इन सभी सवालों के जवाब अब ब्लैक बॉक्स और जांच एजेंसियों की रिपोर्ट से सामने आएंगे। साथ ही जो यात्री इस हादसे में अकेले बचे हैं उनके बयान भी इस जांच में बेहद अहम साबित होंगे। जब तक पूरी सच्चाई सामने नहीं आती तब तक यह दुर्घटना देश के लिए एक गहरी पीड़ा और रहस्य बनी रहेगी।