नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, आज यानी 24 अक्टूबर (Ahoi Ashtami 2024 Date) को अहोई अष्टमी व्रत किया जा रहा है। इस दिन महिलाओं द्वारा संतान की रक्षा के लिए निर्जला व्रत किया जाता है और रात में अहोई माता की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही उसे जीवन में तरक्की मिलती है।
अहोई अष्टमी 2024 डेट और टाइम
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – शाम 05 बजकर 42 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
तारों को देखने के लिए का समय – शाम 06 बजकर 06 मिनट तक
अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय – रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक
अहोई अष्टमी पूजा विधि (Ahoi Ashtami Puja Vidhi)
अहोई अष्टमी के दिन स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल देने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- दिनभर निर्जला व्रत रखें।
- संध्याकाल में साफ स्थान पर अहोई माता का चित्र बनाएं।
- शुभ मुहूर्त में दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करें।
- अहोई माता को फूल अर्पित करें।
- व्रत कथा का पाठ और मंत्रों का जप करें।
- अब आरती करें।
- संतान के सफल जीवन के लिए कामना करें।
- पूरी, हलवे, खीर, गुलगुले और मिठाई का भोग लगाएं।
- रात्रि में तारे निकलने पर अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
- इस दिन दान जरूर करना चाहिए।
अहोई माता की आरती
जय अहोई माता,
जय अहोई माता ।
तुमको निसदिन ध्यावत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,
तू ही है जगमाता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
माता रूप निरंजन,
अहोई अष्टमी पर अहोई माता के संग भगवान शिव और माता पार्वती करने का विधान है। व्रत की पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए।
सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत,
नित मंगल पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तू ही पाताल बसंती,
तू ही है शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक,
जगनिधि से त्राता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
जिस घर थारो वासा,
वाहि में गुण आता ।
कर न सके सोई कर ले,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तुम बिन सुख न होवे,
न कोई पुत्र पाता ।
खान-पान का वैभव,
तुम बिन नहीं आता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
शुभ गुण सुंदर युक्ता,
क्षीर निधि जाता ।
रतन चतुर्दश तोकू,
कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
धार्मिक मान्यता है कि व्रत कथा का पाठ करने से जातक को संतान से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।
श्री अहोई माँ की आरती,
जो कोई गाता ।
उर उमंग अति उपजे,
पाप उतर जाता ॥
ॐ जय अहोई माता,
मैया जय अहोई माता ।