गुना। चैत्र नवरात्रि पर माता मंदिरों को सजाया-संवारा गया है। दो साल बाद कोरोना पाबंदियां हटने से भक्तों का मंदिरों में तांता लगा हुआ है। इस बार झंझोन गांव के माता मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने को लेकर प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है।
जानकारी मिली है कि यह धार्मिक स्थल आस्था के साथ कई परंपराओं को संजोए हुए हैं। इस मंदिर में 21 वर्ष पहले नवरात्रि के समय गांव के बच्चों ने पैसे जुटाकर मां दुर्गा की झांकी सजाई और 9 दिन तक ज्योति जलाई। यहां के लोगों को दावा है कि नवरात्रि के समापन के बाद भी माता की ज्योत जलती रही। ग्रामीण अचरज में पड़ गए कि यह ज्योति अपने आप कैसे जल रही है। इसमें घी कहां से आता है।
इसके बाद कई अधिकारी और विज्ञान के जानकार इस बात की परख करने गांव पहुंचे। कई दिन तक पहरा भी बैठाया, लेकिन इस रहस्य का खुलासा नहीं हो सका। लगातार 21 वर्षों से यह ज्योति जल रही है। मामले में ग्रामीणों का कहना है कि भगवान शिव और मां शक्ति की कृपा से ऐसा हो रहा है। पुजारी बोले- रोज केवल दीये की बाती बदली जाती है मंदिर के पुजारी हरिओम ने बताया कि कटोरे में अपने आप घी आ जाता है। दीये की बाती रोज बदली जाती है। गांव के लोगों ने भी इसकी परख करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। दूर-दूर से लोग यहां पर इस ज्योति को देखने के लिए आते हैं। अपनी मनोकामनाएं लेकर मां दुर्गा और भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं।
जिले की राघौगढ़ क्षेत्र में आना वाला यह गांव ग्रामीण अंचल का होने के बावजूद भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है। पहले इस मंदिर के स्थान पर एक चबूतरा हुआ करता था, जिस पर भगवान शिव का शिवलिंग विराजमान थे। ग्रामीणों ने पैसे एकत्रित कर इस मंदिर को चारदीवार में तब्दील कर दिया।