भोपाल। बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हाेता नजर आ रहा है। कम दबाव का क्षेत्र 21 की रात से 22 सितंबर की सुबह तक पूर्वी मध्यप्रदेश के इलाकों में पहुंच जाएगा, जिसके चलते पूरे मध्यप्रदेश में 21 सितंबर से लगभग तीन दिन तक अच्छी वर्षा होने की संभावना है। रीवा, शहडोल, जबलपुर, बैतूल, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर के आसपास के इलाकों में गरज-चमक से साथ तेज वर्षा हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. ममता यादव बताती हैं कि मानसून द्रोणिका अभी भटिंडा, दिल्ली, हरदोई, वाराणसी, रांची, बालासोर से होकर गुजर रही है। 21 सितंबर के आसपास मध्यप्रदेश के ऊपर भाग में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से द्रोणिका का पूर्वी हिस्सा दक्षिण की तरफ खिसकेगा।
इन सभी मौसम प्रणालियों की वजह से पूरे प्रदेश में अच्छी वर्षा होने के आसार है। 21-22 सितंबर से यह दौर शुरू होगा, जो 25-26 सितंबर तक जारी रहेगा। हालांकि 29 सितंबर तक रुक-रुककर छुट-पुट वर्षा होती रहेगी। डा. ममता ने बताया कि इन्हीं मौसम प्रणालियों के असर से सोमवार को सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक शिवपुरी में सात, मलांजखंड में छह, ग्वालियर में 1.5, भोपाल में 1.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। गुना भी भी बूंदा-बूंदी हुई है।
अगले तीन-चार बाद उत्तरी-पश्चिमी भारत के राज्यों से दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। इसकी वजह राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के क्षोभमंडल के निचले स्तर पर हवा के प्रतिचक्रवात प्रवाह का बनना है। इस प्रतिचक्रवात की वजह से नमी भी कम रहेगी और मानसून कमजोर होता जाएगा। मध्यप्रदेश की बात करें, तो यहां लगभग 29 सितंबर के मानसून की विदाई की संभावना बनती दिख रही है। पहले पश्चिमी मध्यप्रदेश, फिर मध्य क्षेत्र और उसके बाद पूर्वी मध्यप्रदेश, इस तरह विभिन्न भागों से धीरे-धीरे मानसून की विदाई होगी। यह प्रक्रिया अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक चलने की संभावना है।