पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों पर हर किसी की नजर बनी हुई है, लेकिन अब इन्हीं चुनावों के चलते मध्यप्रदेश में सियासत गरमा गई है। दरअसल, भाजपा ने बंगाल के लिए स्टार प्रचारकों की संशोधित सूची जारी की। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 14वें स्थान में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि, इस सूची में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम जोड़ा गया, जिन्हें 24वें नंबर पर रखा गया। कांग्रेस ने इसी श्रेणी क्रम को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसा है।
जानकारी के मुताबिक, भाजपा ने पश्चिम बंगाल में पांचवें, छठवें और सातवें चरण के चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। यह सूची भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने 23 मार्च को जारी की। इस लिस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित 30 नेताओं के नाम हैं, जिनमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम 14वें नंबर पर है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम 24वें नंबर पर लिखा है। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने कहा कि महाराज की स्थिति बिन बुलाए मेहमान जैसी हो गई है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल के चुनाव के लिए कांग्रेस ने पहली सूची में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम शामिल किया था, जबकि दूसरी सूची में उनका नाम नहीं था। ऐसे में भाजपा ने चुटकी ली थी कि कांग्रेस में कमलनाथ का कद धीरे-धीरे कम हो रहा है। हालांकि, इस मामले में कांग्रेस ने सफाई दी थी। पार्टी का कहना था कि दमोह उपचुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। ऐसे में कमलनाथ ज्यादा समय दमोह में देना चाहते हैं। ऐसे में वह 17 अप्रैल के बाद बंगाल में प्रचार करेंगे।
भाजपा के हमले से तिलमिलाई कांग्रेस को अब पलटवार करने का मौका मिल गया। दरअसल, भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया को करीब एक महीने बाद जगह मिली। इसके अलावा उन्हें 24वें नंबर पर भी रखा गया। ऐसे में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा अहम बैठकों से सिंधिया को दूर रखती है। उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करना महज औपचारिकता है, जबकि मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा भाजपा के नेता नरोत्तम मिश्रा, फग्गन सिंह कुलस्ते सहित अन्य नेता भी बंगाल चुनाव में प्रचार करने जा रहे हैं। सिंधिया ने मार्च 2020 में छोड़ी थी कांग्रेस, 18 साल पार्टी में रहे है
उन्होंने कहा था कि सिंधिया अगर कांग्रेस में होते तो मुख्यमंत्री बन गए होते। वहीं, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा था कि सिंधिया वापसी के लिए तैयार हैं। अगर वह माफीनामा लिखकर देते हैं तो उनकी वापसी हो सकती है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सिंधिया कांग्रेस में महाराज थे और भाजपा में उन्हें भाईसाहब बना दिया गया।