الرئيسية प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता में जमकर चले जूते-चप्पल

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता में जमकर चले जूते-चप्पल

सीहोर। नसरुल्लागंज में आंगनबाड़ी केंद्र को वैसे तो बच्चों के पोषण आहार व बेहतर स्वास्थ्य का केंद्र माना जाता हैं। लेकिन पिछले महीने से आंगनबाड़ी से जुड़ी घटनाओं के कारण महिला बाल विकास का यह विभाग प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर तक चर्चाओं में बना हुआ हैं। बीते गुरुवार जनपद पंचायत के सभागार में महिला बाल विकास की बैठक आयोजित हुई थी। जिसके संपन्न होने के बाद दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था जो इतना बड़ गया कि दोनों ने एक दूसरे पर चप्पल बरसाना शुरू कर दी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के विवाद का ये वीडियो शनिवार देर रात सामने आया जो चर्चाओं का विषय बना हुआ है।

एक तरफ जहां कोविड काल के दौरान बच्चों का पोषण आहार बड़े वाहनों की जगह स्कूटर व मोटर साइकल से कागजों पर बांटा। प्रदेश में जहां महालेखागार की रिर्पोट से यह बात सामने भी आई। वहीं दूसरी ओर एक पखवाड़े में पूर्व ब्लॉक स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने परियोजना अधिकारी पर अशोभनीय टिप्पणी करने की बात को लेकर सांसद व मुख्यमंत्री के बेटे को ज्ञापन देकर सबको हक्का-बक्का कर दिया था। महिला कार्यकर्ता के साथ बीती घटना को शासन-प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए तत्काल परियोजना अधिकारी का तबादला कर दिया था। यह मामला अभी सुर्खियों से औझल भी नहीं हुआ था कि गुरुवार को जनपद पंचायत के सभागार में आयोजित महिला बाल विकास की बैठक के बाद दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था और विवाद इतना बड़ गया कि बात जूतम पैजार पर आ गई।

कार्यकर्ता ने एक-दूसरे कार्यकर्ता पर सरेआम चप्पल बरसाई। जैसे-तैसे उपस्थित परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक व कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया। गुरुवार को हुए विवाद का वीडियो शनिवार देर रात वायरल हुआ। जो पूरे दिन नगर में चर्चाओं का विषय बना रहा। इस मामले में दोनों ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मामला दर्ज कराया।

दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में विवाद का कारण बीते दिनों परियोजना अधिकारी गिरीश चौहान के तबादलों को माना जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनिता पंवार कार्यकर्ता संघ की ब्लॉक अध्यक्ष है और इनके द्वारा परियोजना अधिकारी पर अशोभनीय टिप्पणी की शिकायत की थी, जिस पर परियोजना अधिकारी का शहडोल तबादला हो गया था। इसी बात को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के दो गुटों में बंट गई थी तभी से दो पक्षों में रंजीश चली आ रही थी, जो आखिरकर जूतम पैजार में तब्दील हो गई।

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