ग्वालियर। इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो संसाधन की कमी या विपरीत हालात उसके लिए बाधा नहीं बन सकते। मेहनत और लगन के दम पर इंसान हर कामयाबी को हासिल कर सकता है। ऐसा ही कमाल कर दिखाया है ग्वालियर के हॉकी खिलाड़ी अंकित पाल ने। गरीब परिवार में पले-बढ़े अंकित का वर्ल्डकप में खेलने वाली भारतीय जूनियर हॉकी टीम में चयन हुआ है। अंकित के माता पिता ने स्कूल का मुंह तक नहीं देखा, लेकिन दिन रात मेहनत मजदूरी कर बेटे को भारतीय टीम में पहुंचा दिया।
दूसरे बच्चों की हॉकी से खेला, अब वर्ल्ड कप में दिखाएगा जलवा
गौरतलब है कि अंकित के पिता सन्तोष पाल हलवाई का काम करते हैं। महज 15 हजार रुपये महीना कमाने वाले सन्तोष के 3 बच्चे हैं। सबसे छोटा बेटा अंकित बचपन से ही हॉकी के प्रति समर्पित था। साल 2011 में अंकित की मां सीमा पाल ने अभावग्रस्त होने बावजूद अपने बेटे को ग्वालियर की दर्पण हॉकी अकादमी में भेजा। अंकित के पास हॉकी खरीदने तक के पैसे नहीं थे, तब दर्पण के कोच और साथी खिलाड़ियों ने अंकित के लिए हॉकी का इंतजाम किया था। आज अंकित भारतीय जूनियर हॉकी टीम में चुना गया है, जिसके बाद उसका परिवार और साथी खुश है।
हिमांशु का भी कैम्प में हुआ चयन
ग्वालियर दर्पण हॉकी फीडर के खिलाडी हिमांशु सैनिक का भी भारतीय जूनियर हॉकी वर्ल्डकप टीम में सिलेक्शन हुआ है। हिमांशु को वर्ल्डकप के लिए ट्रेनिगं कैम्प के लिए चुना गया है। बेहतर परफॉर्मेंस के बाद हिमांशु के भी भारतीय जूनियर हॉकी टीम में शामिल होने की उम्मीद है। दर्पण हॉकी फीडर के कोच अविनाश का कहना है कि इस बार जूनियर हॉकी वर्ल्डकप की संभावित टीम में 3 खिलाड़ियों का चयन हुआ है। अंकित के अलावा हिमांशु के भी भारतीय जूनियर हॉकी टीम में शामिल होने की पूरी संभावना है