भोपाल। मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। ये सीटें हाल ही में खाली हुई हैं, बुधनी सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सांसद बनने के बाद और विजयपुर सीट से रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने के कारण रिक्त हुई हैं।
बुधनी सीट से प्रमुख दावेदार…
बुधनी सीट के लिए बीजेपी की प्रदेश चुनाव समिति ने पांच नामों का पैनल दिल्ली भेजा है, जिसमें पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और गुरु प्रसाद शर्मा शामिल हैं। दोनों ही नेता शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा, शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान और मंडल अध्यक्ष आशा राम यादव का नाम भी चर्चा में है।
रमाकांत भार्गव
शिवराज सिंह के साथ उनकी गहरी दोस्ती, मार्कफेड के अध्यक्ष के रूप में अनुभव इसके साथ ही सांसद का अनुभव… इसलिए पार्टी इनाम के तौर पर उन्हें टिकट दे सकती है।
गुरु प्रसाद शर्मा
तीन बार के वन विकास निगम अध्यक्ष, जनता के बीच अच्छी पहचान, संगठन की सहमति और पार्टी के भीतर मजबूत पैठ होने के कारण संभावना हैं।
कार्तिकेय सिंह चौहान
युवा चेहरा, पिछले चुनावों में सक्रिय रहे… केंद्रीय नेतृत्व द्वारा युवा उम्मीदवार को मैदान में उतारने का निर्णय ले सकती है।
कांग्रेस की ओर से पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष महेश राजपूत के नाम पर चर्चा हो रही है। पार्टी के लिए एक मजबूत टिकाऊ चेहरा खोजना सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि शिवराज सिंह का प्रभाव अभी भी मजबूत है।
विजयपुर सीट से बीजेपी की स्थिति
विजयपुर सीट से रामनिवास रावत का नाम तय है। कांग्रेस ने इस सीट पर आदिवासी उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई है, जिसमें मुकेश मल्होत्रा का नाम सबसे आगे है। वे सहरिया आदिवासी समुदाय से आते हैं, जहां लगभग 60 हजार वोटर्स हैं। कांग्रेस पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को भी विचार कर रही थी, लेकिन उनकी पार्टी से नाराजगी के चलते अब वे किसी अन्य आदिवासी चेहरे पर दांव लगा सकती है।
बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति
भाजपा ने बुधनी का प्रभार राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को सौंपा है, जो बूथ स्तर पर वोट प्रतिशत बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अरुण यादव को बुधनी का संयोजक बनाया है, जबकि विजयपुर के लिए AICC के सचिव चंदन यादव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।
वहीं, विजयपुर में रावत के मंत्री बनने के बाद, सरकार ने दो नई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे रावत की लोकप्रियता को और बढ़ावा मिल सकता है, जो चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोनों सीटों पर विशेष ध्यान दिया है और हाल में कई योजनाओं का शुभारंभ किया है। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व सीएम कमलनाथ और राहुल गांधी के बीच मुलाकात भी संभावित चुनाव प्रचार की दिशा को प्रभावित कर सकती है।