जश्न-ए-आजादी के मौके पर भारत ने अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचते हुए एक नई सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 16 अगस्त को सुबह 9:17 बजे अपने नवीनतम अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-08 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो भारत को प्राकृतिक आपदाओं के बारे में समय पर जानकारी देने में मदद करेगा।
इस सैटेलाइट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)-D3 की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के जरिए लॉन्च किया गया। यह मिशन SSLV के विकासात्मक चरण को पूरा करता है, जिसके बाद यह रॉकेट पूर्ण परिचालन मोड में आ जाएगा।
SSLV रॉकेट मिनी, माइक्रो और नैनो सैटेलाइट्स (10 से 500 किलोग्राम) को 500 किमी की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है। इस मिशन के तहत 500 किलोग्राम वहन क्षमता वाला SSLV रॉकेट 175.5 किलोग्राम वजनी माइक्रोसैटेलाइट EOS-08 और चेन्नई स्थित स्टार्टअप स्पेस रिक्शा के SR-0 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ले गया।
EOS-08 सैटेलाइट का जीवनकाल एक वर्ष का है, और इसका प्राथमिक उद्देश्य माइक्रो सैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना है। साथ ही, यह मिशन भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने का भी काम करेगा। सैटेलाइट से उत्पन्न होने वाली जानकारी प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भूकंप और सुनामी की जानकारी समय रहते प्रदान करने में मदद करेगी।
इस लॉन्च के साथ, ISRO ने एक बार फिर से अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, जिससे भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया को लाभ होगा। भारत अब धरती की हलचल को बेहतर ढंग से समझ सकेगा और आपदाओं से निपटने के लिए समय पर आवश्यक कदम उठा सकेगा।