रतलाम। रतलाम का सपूत मणिपुर के इंफाल में शहीद हो गया। शहीद लोकेश कुमावत का पार्थिव देह शुक्रवार को उनके पैतृक गांव मावता लाया गया। यहां पर शहीद लोकेश कुमावत को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। शहीद का पार्थिव देह 9:30 बजे जावरा पहुंचा, जहां रतलाम कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। लोकेश एक महीने पहले ही ड्यूटी के लिए जा रहे थे तो मां ने तिलक लगाकर विदा किया था।
शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरा क्षेत्र भारत माता के जयघोष से गूंज उठा। अपने वीर सपूत की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। मां और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोगों ने जिस सपूत को कुछ दिन पहले ही तिलक लगाकर देश सेवा के लिए मणिपुर भेजा था वह आज तिरंगे में लिपटकर लौटा है।
गौरतलब है कि बुधवार को कुमावत परिवार को 22 वर्षीय लोकेश के शहीद होने की दुखद खबर मिली थी। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार लोकेश उग्रवादियों से मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से शहीद हुए है। हालांकि इस बारे में सेना या प्रशासन की ओर से कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लोकेश का भारतीय सेना में मार्च 2019 में चयन हुआ था, जिसके बाद हैदराबाद में ट्रेनिंग के बाद उन्हें मणिपुर में पोस्टिंग मिली थी। शहीद के परिवार में उसके किसान पिता मुकेश कुमावत, मां रेखा बाई और छोटा भाई विशाल है। शहीद के काका रामेश्वर कुमावत भी सेना में तैनात हैं।