प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एशिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र (Asia’s largest solar power plant) का उद्घाटन करेंगे, जिसमें सरकार ने कहा है कि इससे हर साल कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन लगभग 15 लाख टन तक कम हो जाएगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री 750MW अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट, जो 1,590 एकड़ भूमि में फैला हुआ है, राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
केंद्र ने एक विज्ञप्ति में कहा कि, ” रीवा सोलर प्रोजेक्ट उन उत्कृष्ट परिणामों का एक उदाहरण है, जिन्हें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल होने पर हासिल किया जा सकता है।
इस परियोजना की ख़ास बातें:
रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट भारत और दुनिया में सबसे बड़े सिंगल-साइट सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक है।
इस परियोजना में 1500 हेक्टेयर के कुल क्षेत्रफल वाले सौर पार्क के अंदर 500 हेक्टेयर के प्रत्येक भूखंड पर स्थित 250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादक इकाइयां शामिल हैं।
सौर पार्क को मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVN) और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के संयुक्त उपक्रम रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (RUMSL) द्वारा विकसित किया गया था।
पार्क को विकसित करने के लिए RUMSL को 138 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
RUMSL द्वारा तीन सौर उत्पादक इकाइयों के विकास के लिए महिंद्रा रीन्यूवेबल्स प्राइवेट लिमिटेड, ACME जयपुर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड और ऐरिनसन क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का चयन एक उत्क्रम नीलामी के माध्यम से किया गया था।
यह राज्य के बाहर एक संस्थागत ग्राहक, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को आपूर्ति करने वाली पहली रीन्यूबल ऊर्जा परियोजना है।
सरकार ने कहा है कि, यह वर्ष 2022 तक स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के 175GW के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शता है, जिसमें 100GW की सौर स्थापित क्षमता हाँसिल करना भी शामिल है।