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पहली बार विधानसभा का सत्र वर्चुअल, 90 मिनट में हुआ पूरा, 2 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पास

Assembly Session

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पहली बार Assembly Session वर्चुअल तरीके से पूरा हुआ। सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र संपन्न हुआ। यह सत्र 90 मिनट में पूरा हुआ। इस बीच राज्य का 2 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पास हुआ। बिना चर्चा के 6 विधेयक पारित हुए। 7 अध्यादेशों पर भी सदन ने मुहर लगाई। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। न प्रश्नकाल हुआ और न ध्यानाकर्षण। शून्यकाल भी नहीं हुआ। कार्यवाही में 61 सदस्य मौजूद रहे। 57 विधायक ऑनलाइन मध्यमों से जुड़े।

सबसे पहले दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अध्यादेश और पत्रों को पटल पर रखा। इनमें साहूकार संशोधन, वेट संशोधन, नगर पालिक विधि संशोधन, अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति, विनियोग और मध्यप्रदेश विनियोग क्रमांक दो विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गए। साथ ही मध्यप्रदेश वित्त अध्यादेश, कृषि उपज मंडी संशोधन, श्रम विधि संशोधन, लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी संशोधन विधेयक, श्रम विधि संशोधन, सहकारी सोसायटी संशोधन और मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश पर सदन ने मुहर लगाई। विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा के बाहर विरोध किया।

कोरोना संक्रमण पर सरकार को घेरने का किया प्रयास

सत्र के दौरान दो लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट पारित किया गया। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक व पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा, करोड़ों रुपए का बजट है। इस पर चर्चा तो होनी चाहिए कि सरकार राशि कहां खर्च कर रही है। जो सदस्य बोलना चाहते हैं, उन्हें दो-दो मिनट का समय दिया जाए। संसदीय कार्यमंत्री मिश्रा ने सर्वदलीय बैठक का हवाला देते हुए कार्यवाही को आगे चलने देने का आग्रह किया। इस पर हंगामे की स्थिति भी बनी। हालांकि बजट पारित हो गया।

जांच में अस्पताल लापरवाह: कमलनाथ

मंत्री पीसी शर्मा ने कोरोना का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि सरकार संक्रमण रोकने में नाकाम रही। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने निजी अस्पतालों में कोरोना जांच में हो रही लापरवाही की बात कही। इस पर हंगामा होने लगा। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, इस मामले पर मुख्यमंत्री वक्तव्य देंगे। इस पर कमलनाथ भी सहमत हो गए।

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