पिपरिया। सांडिया रोड स्थित शासकीय कन्या शाला में सुबह कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर रहे सहायक शिक्षक मुकेश स्थापक की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने चेक करने के बाद मृत घोषित कर दिया। 53 वर्षीय मुकेश वर्ष 2007 से कन्या शाला में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ थे। ग्राम सिलारी निवासी मुकेश वर्तमान में पचमढ़ी रोड स्थित गोल्डन सिटी कालोनी में रह रहे थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिक्षक मुकेश बुधवार को सुबह लगभग आठ बजे कन्या शाला पहुंचे। केंद्र अध्यक्ष हेमलता दास द्वारा मंगलवार को सुबह सहायक शिक्षक मुकेश स्थापक को मंगलवारा थाने में पेपर लेने भेजा गया था। जिस दौरान शिक्षक की तबीयत बिगड़ी। वापिस आने के बाद मुकेश स्थापक ने अपने परिचित अक्षय शिवकर को फोन लगाया और कहा कि मेरी तबीयत खराब हो रही है। तुम शाला आ जाओ। यह सुनकर तत्काल शिवकर शाला पहुंचे। जहां केंद्राध्यक्ष से जानकारी ली तो शिक्षक को ढूंढा गया। तब वह प्राचार्य के कक्ष में सोफे पर अचेत लेटे हुए मिले। इसके बाद शाला स्टाफ द्वारा तुरंत एंबुलेंस को फोन लगाया गया। जो समय पर नहीं आई। इसके बाद अक्षय शिवकर तत्काल निजी वाहन से शिक्षक मुकेश को नजदीक स्थित निजी अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें शासकीय अस्पताल भेज दिया गया। सरकारी अस्पताल में डाक्टर ने चेक करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मामले में कन्या शाला प्राचार्य द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सूचना दी गई है। घटना के बाद पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पीएम के बाद शव परिजनों को सौप दिया गया है।
परीक्षा केंद्र अध्यक्ष हेमलता दास ने कहा कि सुबह लगभग आठ बजे मुकेश स्थापक शाला आए। जहां छात्र को बैठक व्यवस्था की जानकारी दी। तब तक उनकी तबीयत ठीक थी। प्रश्नपत्र लाने के लिए सहायक केंद्र अध्यक्ष प्रमोद रघुवंशी के साथ मुकेश स्थापक भी गए थे। मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस विसेन का कहना है कि बोर्ड परीक्षा का प्रश्न पत्र लेने लिए केंद्र अध्यक्ष या सहायक केंद्र अध्यक्ष को जाना चाहिए। सहायक केंद्र अध्यक्ष गए थे। सहायक शिक्षक को ले जाना आवश्यक नहीं है। लेकिन ले जाने की मनाही नहीं है। उन्हें स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए था।