भोपाल | मध्यप्रदेश शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का पहला बजट वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा विधानसभा में पेश कर रहे हैं। पूरा बजट आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पर फोकस है। वित्तमंत्री ने कहा कि चंबल के लिए अटल प्रोग्रेस-वे है ही, अब पूर्व से पश्चिम को जोड़ने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस-वे का खाका तैयार किया गया है। इस बार का बजट 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का होगा।
उन्होंने कहा कि गांव और शहरों को घर-घर नल के जरिए पानी पहुंचाने के लिए बजट को साढ़े तीन गुना बढ़ा दिया गया है। अब इस पर 5962 करोड़ रुपए खर्च करेंगे। पहले यह बजट 1364 करोड़ रुपए था। जल जीवन मिशन के तहत यह काम पूरा किया जाएगा। गांवों में सोलर पंप के जरिए पानी की सप्लाई कराएंगे ताकि बिजली बिलों का भार कम हो सके। स्व सहायता समूहों को 4 फीसद पर ब्याज पर ऋण दिया जाएगा। साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन जारी रहेगी।
इससे पहले कैबिनेट की बैठक में बजट को मंजूरी दे दी गई थी। बजट में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के आधार पर योजनाओं के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। बजट में हर वर्ग को साधकर रखने की कोशिश की गई है। बजट पेश करने से पहले वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि बजट में देखने को मिलेगी आत्मनिर्भर मप्र की झलक। कर्मचारियों के लिए, महिलाओं के लिए हर किसी के लिए इस बजट में कुछ ना कुछ होगा। कोरोना काल के बाद गड़बड़ाई मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ठीक करने की कोशिश की गई है।
माना जा रहा है कि नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव को ध्यान में रखकर प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारियों का महंगाई भत्ता (DA) और राहत (DR) बढ़ाने की घोषणा बजट में होगी। अभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 12% डीए-डीआर मिल रहा है। सालाना वेतन बढ़ोतरी देने के साथ अंशदायी पेंशन योजना में राज्य का हिस्सा 10% से बढ़ाकर 14% करने की घोषणा भी हो सकती है। इसी तरह स्ट्रीट वेंडर्स को बिना ब्याज लोन देने की योजना को भी बढ़ाया जा सकता है।
मंत्रालय से सूत्रों ने बताया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के सभी चार सेक्टरों को मजबूत करने के प्रावधान बजट में शामिल किए गए हैं। सरकारी कर्मचारियों को जुलाई 2020 का इंक्रीमेंट जुलाई 2021 के साथ देने की घोषणा बजट में होगी। इसमें वित्त वर्ष 2021-22 में अधिकतम 25% डीए (महंगाई भत्ता) की व्यवस्था कर दी गई है यानी नए वित्त वर्ष में केंद्र सरकार डीए बढ़ाती है तो राज्य सरकार भी बढ़ा सकती है।
बजट में नर्मदा एक्सप्रेस-वे और अटल प्रोग्रेस-वे के रास्ते में इकोनॉमिक कॉरिडोर और इंडस्ट्रियल निवेश को बढ़ाने के लिए नए प्रावधान होंगे। राज्य सरकार इसके लिए प्रोत्साहन पैकेज की बात कर सकती है। इस बार सरकार मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनाओं को नए तरीके से लागू करेगी।
महिला स्व-सहायता समूह का विस्तार, कृषक उत्पादक समूहों का गठन, सहकारी समितियों से युवाओं को जोड़ने समेत दूसरे कार्यक्रमों के लिए बजट में प्रावधान किया जा सकता है। इसी तरह रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर की संख्या बढ़ाने की घोषणा भी प्रस्तावित है। इसमें कृषि स्नातक और कृषक पुत्रों को प्राथमिकता मिलेगी।
चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 के बजट में 2019-2020 की तुलना में करीब 28 हजार करोड़ की कमी आई थी। बजट में सिर्फ सड़कों की मरम्मत के लिए राशि दी गई थी। इस बार शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग के लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपए बजट में रखे जाने के संकेत मिले हैं।