Axiom-4 Mission: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना होने वाला Axiom-4 मिशन एक बार फिर से टाल दिया गया है। खराब मौसम के कारण यह मिशन तीसरी बार टला है। अब यह मिशन 11 जून 2025 की शाम लगभग 5 बजकर 30 मिनट पर लॉन्च होगा। इससे पहले यह मिशन 10 जून को लॉन्च होने वाला था। यह मिशन चार देशों के चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन तक जाएगा जहां वे 14 दिन तक प्रयोग और अध्ययन करेंगे। इस देरी के बावजूद सभी अंतरिक्ष यात्री पूरी तैयारी में जुटे हैं।
पहली बार कोई भारतीय पहुंचेगा अंतरिक्ष स्टेशन
Axiom-4 मिशन का सबसे खास हिस्सा यह है कि इसमें भारत के शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। शुभांशु पहले ऐसे भारतीय होंगे जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यानी ISS तक जाएंगे। वह भारत के दूसरे नागरिक होंगे जो अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। शुभांशु का कहना है कि यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है और वह खुद को बेहद सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने का मौका मिला। उन्होंने मिशन से पहले पूरी यूनिफॉर्म में ड्रेस रिहर्सल भी की और प्रशिक्षण की अंतिम तैयारी पूरी की।
केनेडी स्पेस सेंटर से भरेगी उड़ान
यह ऐतिहासिक उड़ान अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से भरेगी। इस मिशन के लिए SpaceX की फाल्कन-9 रॉकेट का उपयोग किया जा रहा है जो चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचाएगा। ISRO के अध्यक्ष वी नारायणन ने जानकारी दी कि मौसम खराब होने के चलते इस मिशन को एक दिन के लिए टाल दिया गया है और अब इसे 11 जून को भारतीय समयानुसार शाम 5 बजकर 30 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। इस उड़ान की सुरक्षा और सटीकता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
41 साल बाद फिर एक भारतीय की अंतरिक्ष यात्रा
भारत के लिए यह मिशन और भी खास है क्योंकि पिछले 41 वर्षों में कोई भी भारतीय अंतरिक्ष नहीं गया है। आखिरी बार 1984 में राकेश शर्मा ने रूस के सोयूज यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी और इतिहास रच दिया था। अब शुभांशु शुक्ला उस इतिहास को दोहराने जा रहे हैं। लखनऊ में जन्मे शुभांशु Axiom Space के इस मिशन का हिस्सा हैं जिसे ISRO और NASA का समर्थन प्राप्त है। इस मिशन के जरिए भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा फिर से शुरू हो रही है और यह कई वैज्ञानिक उपलब्धियों की शुरुआत मानी जा रही है।
चार देशों के चार अंतरिक्ष यात्री एक साथ
Axiom-4 मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। मिशन की कमांडर अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी विटसन हैं। भारत के शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। इसके अलावा हंगरी के तिगोर कापु और पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएवस्की भी इस मिशन में स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हैं। यह मिशन न केवल भारत बल्कि हंगरी और पोलैंड के लिए भी खास है क्योंकि इन देशों के लिए भी यह मानवीय अंतरिक्ष यात्रा की वापसी का प्रतीक है। इस मिशन में वैज्ञानिक प्रयोगों से लेकर तकनीकी परीक्षणों तक कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।