भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार मिल रही नमी के कारण मध्य प्रदेश के सभी संभागों में बादल छा गए हैं। तेज हवाएं चल रही हैं और प्रदेश के कुछ हिस्सों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के सागर, जबलपुर शहडोल, भोपाल एवं नर्मदापुरम संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर एवं उज्जैन, इंदौर व रीवा संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर तथा ग्वालियर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान कहीं-कहीं तेज हवाएं चलीं। पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भोपाल की बैरसिया तहसील में 41.1, पचमढ़ी में 11.9, रायसेन में आठ, गुना में आठ, जबलपुर में 7.8, भोपाल में 6.8, उमरिया में 6.4, सतना में पांच, बैतूल में 3.2, दमोह में तीन, सागर में 2.9, सिवनी में 2.6, सीधी में 2.4, नरसिंहपुर में दो, नर्मदापुरम में 1.5, खजुराहो में 1.2, रीवा में 1.2, उज्जैन में एक, इंदौर में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। नौगांव में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज यूं ही बना रहेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले चौबीस घंटों में सागर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने के आसार हैं। रायसेन, देवास, शाजापुर, डिंडोरी, विदिशा, अशोकनगर, गुना, उज्जैन, अनूपपुर एवं कटनी जिलों में भी गरज-चमक के साथ वर्षा और ओले गिरने की संभावना हैं। इस दौरान 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा नर्मदापुरम, रीवा, इंदौर व चंबल संभागों के जिलों में तथा, भोपाल, दतिया, राजगढ़, ग्वालियर, शिवपुरी, सीहोर, छिंदवाड़ा, उमरिया, नीमच, जबलपुर, शहडोल, रतलाम, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, आगर, सिवनी व मंदसौर जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो सकती है। बादल एवं वर्षा की वजह से गर्मी पर भी विराम लग गया है। मौसम विभाग के मुताबिक ज्यादातर शहरों के अधिकतम तापमान में 03 से 04 डिग्री सेल्सियस तक क्रमिक गिरावट हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पाकिस्तान और उसके आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। पश्चिमी विदर्भ पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर कर्नाटक तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में भी एक चक्रवात बना हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि निचले स्तर पर हवाओं का रुख दक्षिणी एवं दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है, जबकि लगभग तीन किलाेमीटर की ऊंचाई पर हवा की दिशा पश्चिमी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना है। हवाओं के साथ अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है। इस वजह से मध्य प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में बादल छा गए हैं। मौजूदा स्थिति को देखते हुए अभी तीन-चार दिन तक मौसम साफ होने की भी संभावना नहीं है।