उज्जैन। रैपर बादशाह ने अपने हाल ही में रिलीज सनक एलबम पर महाकाल मंदिर के पुजारियों और साधु-संतों के विरोध के बाद भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगी हैं। बादशाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा कि ‘मैं गलती से भी किसी की भी भावनाओ को आहत करना नहीं चाहता हूं। मेरी जानकारी में आया कि मेरी हालिया रिलीज में से एक सनक ने कुछ लोगों की भावनाएं आहत की हैं। मैं कभी भी जानबूझकर या अनजाने में किसी को ठेस नहीं पहुंचाऊंगा ‘मैं अपनी आर्टिस्टिक क्रिएशन और म्यूजिकल कंपोजीशन को बहुत ईमानदारी के साथ आप तक पहुंचाता हूं। हाल में हुई घटना के बाद मैंने इस बारे में ठोस कदम उठाते हुए अपने गानों के कुछ हिस्सों को बदला है और सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नए वर्जन के साथ पुराने वर्जन को बदल दिया है, ताकि कोई और इससे आहत न हो।’
अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर रैपर बादशाह ने पोस्ट कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। बादशाह ने लिखा कि सनक एलबम के गाने में भोलेनाथ का नाम लिए जाने से किसी की भावना को जाने अनजाने ठेस पहुंची है, तो उनसे मैं क्षमा चाहता हूं। बता दें, सनक एलबम के एक गाने पर महादेव का नाम आपत्तिजनक शब्दों के साथ इस्तेमार करने पर महाकाल मंदिर के पुजारियों और साधु-संतों ने आपत्ति दर्ज की थी और गाने में बदलाव न करने पर एफआईआर की चेतावनी दी थी।
19 अप्रैल 2023को श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि रैपर बादशाह ने अपनी नई एलबम सनक के गाने में भोलेनाथ का नाम अश्लील शब्दों के साथ लिया था, उन्होंने यह चेतावनी दी थी कि यदि रैपर बादशाह इस गाने से भोलेनाथ का नाम नहीं हटाते हैं तो उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाते हुए न्यायालय की शरण भी ली जाएगी। पंडित महेश शर्मा के साथ ही महामंडलेश्वर आचार्य शेखर, क्रांतिकारी संत अवधेशपुरी महाराज, हिंदूवादी नेता अंकित चौबे ने भी इस पर विरोध जताते हुए इस गाने की निंदा करते हुए भाषा के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही थी।
बादशाह के गाने के अंतरे में बोल है, कभी सेक्स तो कभी ज्ञान बांटता फिरूं… इसके बाद अश्लील शब्दों का प्रयोग करते हुए गाने के बोल हिट पर हिट में मारता फिरूं… तीन-तीन रात में लगातार जागता, भोलेनाथ के साथ मेरी बनती है।
बादशाह के सनक गाने के विवादित बोल को लेकर उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों और साधु संतों द्वारा ली गई आपत्ति के बाद, इस विरोध का असर इंदौर में भी देखने को मिला था, जहां पर परशुराम सेना के द्वारा बादशाह का पुतला जलाया गया, और बादशाह के खिलाफ शिकायती आवेदन पुलिस को दिया गया। साथ ही सेना के सदस्यों ने बादशाह पर एफआईआर ना होने पर उग्र आंदोलन की धमकी देते हुए यह भी कहा था कि जब तक बादशाह माफी नहीं मांगेगा, तब तक बादशाह को इंदौर शहर में नहीं घुसने देंगे।