ग्वालियर। जिला न्यायालय ने एक दलित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। आरोपी श्याम कुशवाहा ने यह कहते हुए अग्रिम जमानत आवेदन विशेष अदालत में पेश किया था, कि उसे झूठा फंसाया गया है। वह समाजसेवी व्यक्ति है और पत्नी बच्चों के साथ रहता है। जबकि उसके खिलाफ झांसी रोड पुलिस ने एक दलित महिला की शिकायत पर उसके और उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज किया था।
यह घटना पिछले महीने की है आरोपी की पत्नी ने भी इस मामले में अपने पति का बचाव करते हुए कहा, कि उसके पति को गलत तरीके से फंसाया गया है। उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। चूंकि झांसी रोड पुलिस ने इस मामले में दलित उत्पीड़न और दुष्कर्म की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। इस पर विशेष कोर्ट के जज एके मंसूरी ने यह कहते हुए श्याम कुशवाह का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया, कि दलित उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामले में अग्रिम जमानत देने का प्रावधान नहीं है। इस आधार पर उसका जमानत आवेदन खारिज किया जाता है।
हालांकि श्याम की पत्नी ने अपने पति का बचाव करते हुए कोर्ट को बताया, कि उसने इस मामले के सामने आने के बाद उसने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस मामले में जांच करने के लिए आवेदन दिए थे लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे पुलिस उसके पति को गिरफ्तार करना चाहती है। शासकीय अधिवक्ता ने कहा, कि यह मामला गंभीर प्रकृति का है इसलिए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है।