इंदौर। हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, और पौष माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को खास महत्व दिया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होने की मान्यता है। यदि आप पवित्र नदी में स्नान करने का अवसर नहीं पा रहे हैं, तो आप घर पर ही स्नान के पानी में कुछ बूंदे गंगाजल की मिला सकते हैं।
पौष पूर्णिमा पर भगवान सूर्य देव और चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन को लेकर जान लेते हैं, कि साल 2025 की पहली पौष पूर्णिमा कब है और कौन से तीन सरल उपायों से आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं।
पौष पूर्णिमा 2025 की तिथि (Paush Purnima 2025)
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को होगी। इस दिन की पूर्णिमा तिथि सुबह 5:03 बजे से शुरू होगी और 14 जनवरी को सुबह 3:56 बजे तक समाप्त होगी। चंद्रोदय का समय 13 जनवरी को शाम 5:05 बजे है, जो पूजा और व्रत के लिए शुभ माना जाता है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय
1.खीर का भोग
माना जाता है कि मां लक्ष्मी का अवतरण पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए यह दिन उनके लिए बहुत खास है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए भोग में खीर बनाएं। पूजा के बाद खीर का प्रसाद छोटी कन्याओं में वितरित करें।
2.मध्यरात्रि में घी का दीपक जलाना
पौष पूर्णिमा की रात मध्यरात्रि में घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इस समय दीपक जलाकर लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करने से आर्थिक स्थिति में सुधार और उन्नति के अवसर मिलते हैं। घी का दीपक शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है, और लक्ष्मी स्तोत्र से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
3.पीपल के पेड़ की पूजा
पौष पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। पीपल की पूजा से घर में सुख-शांति और शादीशुदा जीवन में खुशहाली आती है। पीपल को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है, और इस दिन पीपल की पूजा से पारिवारिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।