ग्वालियर। कभी भाई दूज के मौके पर भारी चहल-पहल वाली ग्वालियर केंद्रीय जेल मंगलवार को सुनसान रही। जेल प्रशासन ने खुली मुलाकात पर पाबंदी के चलते ई मुलाक़ात की व्यवस्था की थी। जिसमें बमुश्किल 10 फ़ीसदी ही लोगों ने हिस्सा लिया। ग्वालियर जेल में इस समय करीब 3200 कैदी विभिन्न अपराधों में बंद है। लेकिन इन से मुलाकात करने वाले सिर्फ 200 से कुछ ही ज्यादा रहे |
अक्सर रक्षाबंधन ,दीपावली की दूज और होली की भाई दूज के मौके पर पहले के सालों में बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों से मिलने जेल में आती थी। यहां उनकी खुली मुलाकात कुछ घंटों के लिए जेल प्रशासन द्वारा कराई जाती थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 2 साल से यह मिलाई लगभग बंद कर दी गई है। अब सिर्फ ऑनलाइन मुलाकात का की व्यवस्था रखी गई है। इसके लिए बहनों ने अपने भाइयों से ई मुलाकात के लिए सोमवार से रजिस्ट्रेशन कराना शुरू किया था।लेकिन अधिकांश बहने दूरदराज इलाकों में रहती हैं और ऑनलाइन मुलाकात के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इसका नतीजा यही हुआ ,कि बेहद कम संख्या में बहनों ने जेल में बंद अपने भाई से मुलाकात के लिए पंजीयन कराया।
ई मुलाकात के लिए 200 से कुछ ज्यादा बहनों ने यह पंजीयन कराया है। इसमें जेल में केबिन मुलाकात कक्ष बनाया गया था। जहां ऑनलाइन बहन अपने मोबाइल से अपने भाई से मुलाकात कर रही थी।इससे पहले सामान्य दिनों में बहने आज के दिन घर से बना हुआ खाना भी अपने भाइयों के लिए लाती थी। यह सब पिछले 2 साल से बंद कर दिया गया है। इसलिए अब ऑनलाइन मुलाकात का ही एकमात्र सहारा इन बहनों के पास रह गया है। सामान्य दिनों में करीब 3000 से ज्यादा महिलाएं मुलाकात के लिए आज के दिन केंद्रीय कारागार आती थी। हालांकि आम दिनों में जेल प्रशासन ने कैदियों से बातचीत के लिए टेलीफोन व्यवस्था भी शुरू कराई है। कोरोना संक्रमण के कारण अब लोगों को सिर्फ ऑनलाइन मुलाकात का ही एकमात्र सहारा रह गया है।