जबलपुर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर की टीम ने कार्रवाई करते हुए मंडला जिला श्रम अधिकारी जितेंद्र मेश्राम को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जिला श्रम अधिकारी ने एक फार्म हाउस के खिलाफ लेबर एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं करने के ऐवज में रिश्वत की मांग की थी। आरोपी पर श्रम कानून के तहत कार्रवाई की गई। विशेष न्यायालय ने आरोपी श्रम अधिकारी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश जारी किए हैं। प्रदेश में लगभग डेढ़ दशक बाद ईओडब्ल्यू द्वारा पकडे़ गए किसी आरोपी को न्यायालय ने सीधे जेल भेजा है।
जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले मंडला के जिला श्रम अधिकारी जितेंद्र मेश्राम ने तनुज लोहान के सिंघपुर स्थिति फार्म हाउस में जांच की थी। जांच उपरांत कार्रवाई नहीं करने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। जिसकी शिकायत तनुज लोहान ने जबलपुर ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह राजपूत से की थी। एसपी ईओडब्ल्यू ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने स्तर पर जांच करवाई, जिस पर रिश्वत मांगने की शिकायत सही पाई गई। शुक्रवार को डीएसपी मनजीत सिंह के नेतृत्व में एक टीम को मंडला भेजा गया, जहां तय रणनीति के अनुसार जैसे ही तनुज लोहान ने रिश्वत की 50 हजार रुपये की राशि जिला श्रम अधिकारी जितेंद्र मेश्राम को दी वैसे ही टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई से श्रम विभाग में हड़कम्प मच गया है। ईओडब्ल्यू की ने जिला श्रम अधिकारी के घर में भी जांच की है।
आरोपी जितेंद्र मेश्राम रिश्वत की राशि के एक लाख रुपये में से 50 हजार रुपये की पहली किश्त ले चुका था। शुक्रवार को वो दूसरी किश्त के 50 हजार रुपये पीड़ित से लेने गया था इसी दौरान ईओडब्ल्यू की टीम ने उसे ग्राम देवांगन टोला मंडला के बस स्टॉप पर दबोच लिया।