जबलपुर। संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में सहायक ग्रेड-3 मनीष परते को लोकायुक्त ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। मनीष परते ने एक शिक्षिका की नियुक्ति का आदेश जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। शिक्षिका के पति ने जैसे ही परते को रिश्वत की रकम दी, घात लगाए बैठी लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ लिया। परते संभागीय उपायुक्त सेवक राम भारती के कार्यालय में पदस्थ है। सेवक राम भारती के खिलाफ भी लोकायुक्त में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज है, जिसकी विवेचना की जा रही है। लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि पढ़ते के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की कार्रवाई भी की जाएगी।
पवन झारिया उम्र 33 वर्ष की पत्नी का व्यापम के माध्यम से शिक्षक वर्ग-2 में चयन हुआ था। शिक्षक वर्ग में चयन होने के उपरांत पवन अपनी पत्नी के साथ संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास कार्यालय पहुँचा। जहां सहायक ग्रेड-3 कंप्यूटर आपरेटर मनीष परते पिता रेवाराम प्रति उम्र 44 साल ने नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए रिश्वत की मांग की। रिश्वत की रकम ना मिलने पर मनीष परते पवन और उसकी पत्नी को भटकाने लगा। उसकी हरकतों से परेशान होकर पवन ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर रिश्वतखोरी की शिकायत की।
रंगे हाथ गिरफ्तार करने के निर्देश: पवन झारिया की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए लोकायुक्त एसपी साहू ने कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएसपी जेपी वर्मा, निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक सुरेखा परमार, निरीक्षक नरेश बेहरा, आरक्षक अमित मंडल, अंकित, अमित गावडे, राकेश विश्वकर्मा की टीम गठित की गई। मनीष परते ने पवन को रिश्वत की रकम लेकर मंगलवार को संभागीय उपायुक्त आदिवासी विकास कार्यालय बुलाया। जिसके बाद लोकायुक्त की ट्रैप टीम भी कार्रवाई के लिए तैयार हुई। पवन झारिया से मनीष परते ने जैसे ही रिश्वत के पांच हजार रुपये लिए लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।