रीवा। रीवा लोकायुक्त पुलिस ने सहकारिता विभाग के दो भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार सहकारी निरीक्षक और प्रभारी सीईओ सहकारी उपभोक्ता भण्डार विभाग के समिति प्रबंधक से ऑडिट के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे थे। पीड़ित की शिकायत पर रीवा लोकायुक्त ने दोनों अधिकारियों को ट्रेप किया और बुधवार को रिश्वत के पैसे लेते हुए दबोच लिया।बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों ने पीड़ित कर्मचारी से सहकारी समिति घुरेहटा की 2020-21 के ऑडिट कार्य के लिए रिश्वत मांग रहे थे, इसके पहले भी वह पीड़ित से 15 हजार रुपये रिश्वत ले चुके थे। उन्होंने दोबारा पीड़ित कर्मचारी से 20 हजार रुपये की मांग की थी। लोकायुक्त एसपी ने समिति प्रबंधक की शिकायत का सत्यापन कराने पर शिकायत को सही पाया, जिस पर लोकयुक्त ने योजना बनाकर दोनों भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
समिति प्रबंधक ने बुधवार दोपहर उपभोक्ता केन्द्र में जाकर 10 हजार रुपये प्रभारी CEO को दिए। फिर प्रभारी CEO सहकारिता निरीक्षक से बात कर 10 हजार रुपये लेकर शिल्पी प्लाजा स्थित ए ब्लॉक पहुंचा। जहां लोकायुक्त ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया है। दोनों अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि बुधवार दोपहर सहायक समिति प्रबंधक घुरेहटा अशोक कुमार तिवारी पुत्र तेजराम तिवारी (49) निवासी घुरेहटा थाना मऊगंज की शिकायत पर आरोपी धीरेन्द्र सिंह सहकारी निरीक्षक, कार्यालय सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग रीवा और उदयशंकर तिवारी प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहकारी उपभोक्ता भण्डार मर्यादित रीवा को 10 हजार की रकम के साथ पकड़ा है। समिति प्रबंधक अशोक कुमार तिवारी ने निरीक्षक धीरेन्द्र सिंह और सहायक आयुक्त उदयशंकर तिवारी पर ऑडिट कार्य के एवज में रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। पीड़ित की शिकायत पर लोकायुक्त एसपी ने ट्रैपिंग के लिए डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के मार्गदर्शन में डीएसपी राजेश पाठक, निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार, उपनिरीक्षक रितुका शुक्ला, उपनिरीक्षक आकांक्षा पाण्डेय के नेतृत्व वाली 15 सदस्यीय टीम को भेजा और भ्रष्ट अफसरों को गिरफ्तार किया।