भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अपनी जड़े मजबूत करने के लिए बड़ी तैयारी कर रही है, और कांग्रेस पार्टी अब बेरोजगारी को अपने चुनावी अभियान का केंद्र बिंदु बनाते हुए भाजपा के विकास मॉडल पर सीधा प्रहार करने की तैयारी में है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा विकास को अपना चुनावी आधार बनाने के जवाब में, कांग्रेस ने एक अनोखी रणनीति अपनाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत हर घर की दीवार पर “ग्रेजुएट बेरोजगार” चस्पा किया जाएगा।
कांग्रेस की यह पहल भाजपा के रोजगार के दावों पर सवाल उठाने के साथ-साथ बेरोजगारी की वास्तविकता को उजागर करने का उद्देश्य रखती है। कांग्रेस के कार्यकर्ता गांव-गांव, शहर-शहर जाकर यह पता करेंगे कि उस घर में कितने युवा ग्रेजुएट्स हैं, जो बेरोजगार हैं। इसके बाद, उनके घर की बाहरी दीवार पर लिखा जाएगा, “इस घर में ग्रेजुएट बेरोजगार है।” यह कदम न केवल राज्य में बेरोजगारी के आंकड़े सामने लाने का काम करेगा, बल्कि प्रदेश की शिवराज सरकार के रोजगार के दावों की भी पोल खोलेगा।
कांग्रेस का बेरोजगारी कार्ड:
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, “भाजपा की सरकार केवल इवेंट्स करने में लगी हुई है, जबकि हर घर में ग्रेजुएट युवा बेरोजगार बैठे हैं। सरकार रोजगार देने के दावे तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। कांग्रेस अब इस मुद्दे को जनता के सामने लाकर भाजपा के विकास मॉडल का असली चेहरा उजागर करेगी।”
कांग्रेस की इस रणनीति को आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत हथियार के रूप में देखा जा रहा है, जहां रोजगार और बेरोजगारी बड़े मुद्दे बन सकते हैं। कांग्रेस यह मान रही है कि रोजगार का अभाव और बढ़ती बेरोजगारी जनता के बीच असंतोष फैला रही है, और यही असंतोष अब भाजपा के खिलाफ उनके अभियान को मजबूती प्रदान करेगा।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने प्रदेश के युवाओं को सीधे तौर पर अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। आगामी चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की यह रणनीति कितनी सफल होती है, और भाजपा अपने विकास मॉडल को किस तरह जनता के सामने पेश करती है।