भोपाल । मध्य प्रदेश में 55 निगम मंडल और बोर्ड हैं। सभी को दीपावली पूर्व अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ और वेतन वृद्धि के एरियर की राशि का भुगतान करना था। यह लाभ अक्टूबर माह के वेतन के साथ देना था। इनमें से ऊर्जा विकास निगम, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, मार्केटिंग फेडरेशन और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ही अपने कर्मचारियों को उक्त लाभ दिए हैं। बाकी के निगम मंडल व बोर्डों ने लाभ नहीं दिया है। सात हजार से अधिक कर्मचारी नाखुश हैं।
सेमी गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बाजपेयी का कहना है कि शासन ने महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि का लाभ देने संबंधित आदेश सभी कर्मचारियों के लिए दिए थे। इनमें बोर्ड और निगम मंडल के कर्मचारी भी शामिल हैं लेकिन साथ में एक शर्त भी जोड़ दी है। जिसमें कहा है कि उक्त लाभ देने के पहले निगम मंडल व बोर्डों को विभागों से प्रशासकीय स्वीकृति लेनी होगी। इसकी प्रक्रिया के चक्कर में कर्मचारियों को वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते का लाभ मिल पाना उलझ गया है।
अनिल बाजपेयी का कहना है कि प्रदेश में 55 निगम मंडल व बोर्ड अस्तित्व में है। इनमें 12 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। हजारों कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यह लाभ सभी को मिलना है जिस पर प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी शर्तों के कारण रुकावट आई है। कर्मचारियों के साथ सरकार को ऐसा दो तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। अधिकारी इसी का फायदा उठाते हैं और लाभ देने से आनाकानी करते हैं। त्योहारों के समय में इस तरह लाभ रोक लेना कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार से जुड़े सदस्यों को भी प्रभावित करता है। विभिन्न् निगम मंडल और बोर्डों के कर्मचारी संगठनों ने भी दीपावली के पूर्व उक्त लाभ देने की मांग की है। इसके अलावा स्थायी कर्मियों ने भी उक्त लाभ मांगे हैं।