उज्जैन। स्कूली विद्यार्थियों को इस साल दाखिले के साथ क्रीड़ा शुल्क दोगुना और स्काउट-गाइड शुल्क पांच गुना अधिक चुकाना होगा। मध्य प्रदेश शासन ने लगभग 12 वर्षों के बाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। समस्त संभागीय संयुक्त संचालकों, जिला शिक्षा अधिकारियों और प्राचार्यों को जारी आदेश के मुताबिक कक्षा नौवीं और 10वीं के विद्यार्थियों से क्रीड़ा शुल्क अब 60 के बजाय 120 रुपये और कक्षा 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों से 100 के बजाय 200 रुपये वसूले जाएंगे। स्काउट-गाइड शुल्क नौवीं,10 वीं के विद्यार्थियों से 10 के बजाय 30 और 11वीं 12वीं के विद्यार्थियों से 50 रुपये वसूले जाएंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव साल 2020 में ही पास कर दिया गया था, वित्त विभाग से स्वीकृति अब वर्ष 2022 में मिली है। कारण कोरोना लहर को बताया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि सरकार कोरोना के बुरे दौर में किसी भी तरह का शुल्क बढ़ाने के पक्ष में नहीं थी। यही कारण है की शुल्क की बढ़ोतरी दो साल स्थगित की गई। उज्जैन जिले में 521 हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें गत वर्ष 60 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने अध्ययन किया था। इन सभी से स्कूल प्रबंधन ने क्रीड़ा और स्काउट गाइड शुल्क वसूला था मगर नियमानुसार इसका निश्चित अंशदान 356 स्कूलों ने जिला शिक्षा विभाग और संभागीय संयुक्त संचालनालय को नहीं चुकाया।
जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने तीन सप्ताह पहले स्कूल प्राचार्यों को क्रीड़ा शुल्क, रेडक्रास और स्काउट का अंशदान कार्यालय में जमा करने का आदेश जारी किया था। इस आदेश को प्राचार्यों ने अव्यावहारिक करारा दिया था। कहा था कि शुल्क जमा करें वरना माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से जारी होने वाली कक्षा 10वीं, 12वीं के विद्यार्थियों की अंकसूची नहीं मिलेगी। इस आदेश का असर सिर्फ 25 स्कूलों पर ही हुआ और उन्होंने शुल्क जमा कराया। शेष ने अब तक शुल्क जमा नहीं किया। विभाग का कहना है कि बकाया राशि लाखों में हैं। वसूली के लिए हिसाब तैयार किया जा रहा है।