22.8 C
Bhopal
Tuesday, November 12, 2024

एमपी के छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, टॉपर्स को मिलेगा लाभ

Must read

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के लिए एमबीबीएस में 5% सीटें आरक्षित रखने के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व निर्णय को पलटते हुए मेडिकल एजुकेशन विभाग को निर्देश दिया कि इन छात्रों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं और उन्हें प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाया जाए।

यह मामला तब सामने आया जब आठ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इन छात्रों का आरोप था कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के लिए एमबीबीएस में 5% सीटें आरक्षित करने की योजना के बावजूद, उन्हें इसका उचित लाभ नहीं मिल रहा था। इनमें से एक ओबीसी छात्रा का उदाहरण उल्लेखनीय है, जिसने नीट परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए थे। इसके बावजूद, उसका आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उसने ओबीसी श्रेणी के लिए प्रयास नहीं किए, जबकि उसके अंक सामान्य श्रेणी में प्रवेश के लिए पर्याप्त थे।

छात्रों के अधिवक्ता, अविरल विकास खरे, ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी कि राज्य सरकार की आरक्षण योजना के तहत छात्रों की मेरिट का उचित मूल्यांकन नहीं किया गया। उन्होंने तर्क दिया कि सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के लिए आरक्षित सीटों का लाभ देने के लिए छात्रों की मेरिट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकारते हुए छात्रों के पक्ष में निर्णय सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के लिए इन छात्रों के लिए एमबीबीएस में 5% सीटें आरक्षित की जाएं और उन्हें उनकी मेरिट के अनुसार प्रतिष्ठित कॉलेजों में दाखिला दिया जाए। इस आदेश से उन छात्रों को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें पहले आरक्षण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।

शिवराज सिंह चौहान लाए थे योजना

मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के लिए एमबीबीएस में 5% सीटें आरक्षित करने की योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य उन छात्रों को प्रोत्साहित करना और अवसर प्रदान करना है जो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। चूंकि सरकारी स्कूलों के छात्रों को संसाधनों और सुविधाओं की सीमाओं के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, यह योजना उन छात्रों को विशेष सहायता देने के लिए बनाई गई है।

योजना के प्रमुख बिंदु:

  1. आरक्षण का प्रतिशत:
    सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम में 5% सीटें आरक्षित की गई हैं। इसका मतलब है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में हर साल 5% सीटें इन छात्रों के लिए अलग रखी जाएंगी।
  2. पात्रता:
    इस योजना का लाभ केवल उन छात्रों को मिलेगा जिन्होंने मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है और नीट (NEET) में योग्य स्कोर प्राप्त किया है।
  3. मेरिट के आधार पर प्रवेश:
    योजना के तहत आरक्षित सीटों के लिए चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। यानी छात्रों के नीट स्कोर और अन्य शैक्षणिक योग्यताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रवेश दिया जाएगा।
  4. आरक्षण का लाभ:
    यह योजना उन छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर है जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं और जिन्हें सामान्य श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करना कठिन होता है। यह आरक्षण उन्हें मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!