इंदौर। बढ़ती हुई मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पिछले सप्ताह अमेरिकी फ़ेडरल बैंक की मौद्रिक नीति की बैठक के दौरान कीमती धातुओं के भाव में बिकवाली का दबाव बना रहा और सप्ताह भर में सोने के भाव 2.7 प्रतिशत और चांदी के भाव 3.5 प्रतिशत टूट गए। फेड द्वारा ब्याज दरों को 0.25 प्रतिशत से बढ़ा दिया गया है जिससे अब ब्याज दरे 0.50 प्रतिशत पर पहुंच गई है। मार्च 2020 में कोविड -19 संकट के फैलने के बाद से यह पहली वृद्धि है।
केंद्रीय बैंक ने यह भी आगाह किया कि इस साल छह बार और दरों में बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि नीति-निर्माण फेडरल ओपन मार्केट की कैलेंडर बैठकों की संख्या के आधार पर हो सकती है। बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने भी पिछले सप्ताह हुई अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को 0.25 प्रतिशत से बढ़ा दिया है जबकि बैंक ऑफ़ जापान ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। अनिश्चितता ने सोने को लगातार दूसरे सप्ताह दबाव में रखा है, जो नवंबर के बाद से प्रतिशत के लिहाज से सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।
फिर भी, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और रूस-यूक्रेन युद्ध के नतीजों के बारे में चिंताओं ने सोने के दोहरे आर्थिक-राजनीतिक बचाव को प्रभावित किया लेकिन कॉमेक्स वायदा सोने का सपोर्ट 1900 डॉलर, जो इस सप्ताह के शुरू में संक्षिप्त रूप से टूट गया था, बनाये रखने में कामयाब रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही शांति वार्ता के दौरान भी असल शांति की खबरों का आभाव रहा है, जो कीमती धातुओं के के भाव को निचले स्तरों पर सपोर्ट कर रही है। चीन में चल रही मंदी भी कीमती धातुओं के भाव को सपोर्ट कर रही है। कमोडिटी एनालिस्ट नृपेंद्र यादव के अनुसार इस सप्ताह सोने और चांदी के भाव में निचले स्तरों से उछाल आने की संभावना है। अप्रैल वायदा सोने में 51000 रुपये पर सपोर्ट और 52000 रुपये पर प्रतिरोध है।मई वायदा चांदी में 67000 रुपये पर सपोर्ट और 69500 रुपये पर प्रतिरोध है।