भोपाल। मध्य प्रदेश के लाखों लाड़ली बहनों के लिए यह गुड न्यूज है. आज यानी रविवार 12 जनवरी को मुख्यमंत्री मोहन यादव लाड़ली बहना योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे. इसकी जानकारी खुद सीएम मोहन यादव ने एक्स पर साझा की है. उन्होंने लाड़ली बहना योजना से जुड़ी अपडेट देते हुए एक्स पर लिखा- “गरीब कल्याण हमारा संकल्प हैआज यानी 12 जनवरी को शाजापुर जिले के कालापीपल से लाड़ली बहनों के खाते में राशि अंतरित करूंगा
दरअसल, मध्य प्रदेश की मोहन सरकार हर महीने लाड़ली बहनों के खाते में 1250 रुपए की राशि ट्रांसफर करती है मकर संक्रांति का त्यौहार नजदीक है. ऐसे लाड़ली बहना अपने पैसे का इंतजार बेसब्री से कर रही थी. आज इनका इंतजार खत्म हो जाएगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना के पैसे ट्रांसफर करने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि, ’12 जनवरी से प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन का शुभारंभ होगा. उसी दिन मैं शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील से लाड़ली बहनों के खातों में “लाड़ली बहना योजना” की राशि ट्रांसफर करूंगा
इन महिलाओं के खाते में नहीं आएंगे पैसे
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत महिलाओं और युवतियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए की गई. शुरुआत में इस योजना के तहत 1000 रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे. बाद में इसकी राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई. सरकार द्वारा इस योजना के लाखों लाभार्थियों को वंचित कर दिया गया. बताते चले कि इस योजना के तहत उन लाभार्थियों के नाम काट दिए गए हैं, जिनकी उम्र 60 साल से अधिक हो चुकी है. पिछले महीने 11 दिसंबर 2024 को 1.28 करोड़ महिलाओं के खाते में 1572 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे. वहीं, इस बार 1 लाख 63 हजार महिलाएं अपात्र घोषित हो गई हैं. नाम कटने से लाड़ली बहनों में निराशा भी देखने को मिल रहा है. आज यानी 12 जनवरी को 1.26 करोड़ महिलाओं को ही 1250 रुपए की किस्त मिल सकेगी
जानिए किसे मिलता है इस योजना का लाभ
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए महिला या लड़की की उम्र 01 जनवरी 1963 के बाद और 01 जनवरी 2000 के पहले हुआ हो. परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक न हो. साथ ही महिला या उसके फैमिली में कोई ऐसा मेंबर ना हो, जो आयकर दाता हो. परिवार का कोई अन्य सदस्य केंद्र या राज्य सरकार के किसी विभाग में सर्विस ना करता हो. महिला के फैमिली में कोई सदस्य सांसद, विधायक या जनप्रतिनिधि ना हो और ना ही महिला के ऊपर एक एकड़ से अधिक जमीन हो