भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सुरक्षा में चूक का गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना प्रदेश की राजधानी भोपाल में घटित हुई, जहां सीएम के काफिले के गुजरने वाले रूट पर पुलिस तैनात नहीं थी। इस चूक के कारण मुख्यमंत्री का काफिला बिना सुरक्षा के उस स्थान से गुजर गया, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सुरक्षा में बड़ी चूक
मुख्यमंत्री का काफिला बुधवार को भोपाल के एक मार्ग से गुजरने वाला था, लेकिन पुलिस बल उस स्थान पर तैनात नहीं था। मामले की जांच में पता चला कि थाने में तैनात प्रधान आरक्षक संदीप बाथम को सेट पर सीएम के प्रोटोकॉल की जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया और थाने के अन्य स्टाफ को सूचित नहीं किया। इससे उस रूट पर सुरक्षा बल नहीं पहुंचा, जिससे सुरक्षा में चूक हुई।
आला अधिकारियों की जांच के बाद कार्रवाई
मामले की जानकारी मिलने पर उच्च अधिकारियों ने तुरंत जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि डीसीपी रियाज इकबाल की ओर से सीएम के रूट पर पुलिस तैनाती के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कोहेफिजा थाने के प्रधान आरक्षक ने लापरवाही बरतते हुए इस जानकारी को अन्य कर्मचारियों तक नहीं पहुंचाया। इस लापरवाही के चलते बुधवार को डीसीपी ने प्रधान आरक्षक संदीप बाथम की एक साल की वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
सुरक्षा चूक के बाद उठे सवाल
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। राजधानी जैसे संवेदनशील स्थान पर मुख्यमंत्री के काफिले की सुरक्षा में इस तरह की लापरवाही से राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर चिंता जाहिर की जा रही है।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में हुई इस चूक ने पुलिस विभाग की लापरवाही को उजागर किया है। हालांकि, इस मामले में प्रधान आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है, लेकिन सुरक्षा को लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अधिकारियों को और सतर्कता बरतने की जरूरत है।