भोपाल।मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी आगामी दिनों में कई बड़े फैसले करने की तैयारी में है। इसी के मद्देनजर गुरुवार को यानी आज दिल्ली में प्रदेश बीजेपी कोर ग्रुप की बड़ी बैठक बुलाई गई है। इसमें शिवराज कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार पर फैसला हो सकता है। जोबट से विधायक सुलोचना रावत को मंत्री बनाया जा सकता है।सुलोचना रावत कुछ ही वक्त पहले कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुईं और फिर बीजेपी के टिकट पर जोबट उपचुनाव भी जीता। सुलोचना आदिवासी नेता हैं, इसलिए उन्हें कैबिनेट में जगह देकर आदिवासियों को साधने की कोशिश होगी।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के पास दो बड़े विभाग परिवहन व राजस्व हैं। इनमें से उनसे एक वापस लिए जाने पर निर्णय हो सकता है। कैबिनेट में 4 मंत्री पद रिक्त हैं। इनमें से दो विभाग महिला एवं बाल विकास और PHE मुख्यमंत्री के पास हैं।बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि 22 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भोपाल प्रवास पर आए थे। उन्होंने प्रदेश के बड़े नेताओं व मंत्रियों की बैठक ली थी। इसके बाद अब कोर ग्रुप की बैठक दिल्ली में बुलाई गई है। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन के महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रहेंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस बैठक में शामिल होंगे। इससे पहले वे गुरुवार को विदेश यात्रा पर जा रहे थे, लेकिन बैठक का समय सुबह 11 बजे कर दिए जाने से वे कोर ग्रुप के साथ बैठेंगे।
सूत्रों ने बताया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बैठक में बड़े फैसले हो सकते हैं। इस दौरान सरकार, मंत्री, संगठन और प्रदेश पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस पर मंथन होगा। यही नहीं, नॉन परफॉर्मिंग मंत्रियों की छुट्टी करने का फैसला भी लिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि जनजातीय कल्याण मंत्री मीना सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की परफॉर्मेंस बेहतर नहीं है। लिहाजा, दोनों मंत्रियों के विभाग बदलने पर विचार हो सकता है।बैठक में जातिगत लीडरशिप डेवलप करने के लिए शाह फॉर्मूले पर निर्णय हो सकता है। भोपाल में अमित शाह ने गोपाल भार्गव का उदाहरण देते हुए कहा था- गोपालजी बड़े नेता हैं, उनका प्रभाव भी है, लेकिन ट्राइबल एरिया में उनकी पकड़ मजबूत नहीं हो सकती। लिहाजा, उसी समुदाय के बीच से क्षेत्रीय नेतृत्व को ऊपर लाएं। इस नजरिए से देखें, तो भाजपा को ओबीसी वर्ग में लीडरशिप की कमी है।
लिहाजा, गौरीशंकर बिसेन को फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। बिसेन वर्तमान में ओबीसी कल्याण आयोग के अध्यक्ष हैं। इसी तरह, आदिवासी समुदाय से सुलोचना रावत को मंत्री पद दिया जा सकता है। रावत जब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं, तब उन्हें मंत्री बनाए जाने का आश्वासन दिया गया था।