भोपाल। मध्य प्रदेश बोर्ड में भी सीबीएसई (CBSE) की तर्ज पर सेमेस्टर प्रणाली लागू करने की संभावना है। इससे एक बार में विद्यार्थियों पर परीक्षा का दबाव नहीं पड़ेगा। यह बात माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) के सचिव उमेश कुमार सिंह ने नई शिक्षा नीति 2020 पर भोपाल के मिंटो हाल में गुरुवार से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही हैं। कार्यक्रम मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग एवं माशिम की ओर से आयोजित किया जा रहा है
माशिम के सचिव सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इससे विज्ञान के विद्यार्थी कला विषयों को भी साथ में पढ़ सकते हैं। कोविड काल में 100 दिन ही स्कूल लगने के कारण और विद्यार्थियों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती की गई है। इस संबंध में ब्लू प्रिंट भी तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
एमपी बोर्ड में ये हो सकते हैं बड़े बदलाव
– ओपन बुक पद्धति और आनलाइन परीक्षा कराने की संभावना।
– हिमाचल प्रदेश की तरह चार नहीं बल्कि सीबीएसई की तर्ज पर दो सेमेस्टर लागू होंगे।
– विज्ञान के साथ आर्ट का कोई भी विषय ले सकते हैं।
– कौशल विकास आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाएगा।
– वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या अधिक होगी।
– कंसेप्ट बेस्ट प्रश्नों को तैयार किया जाएगा।
– विद्यार्थी बेसिक और स्टैंडर्ड गणित में से एक चुन सकेंगे।
– आनलाइन कापी जांचने की सुविधा दी जाए।
– 15 हजार प्रश्नों का प्रश्नबैंक बनाया जाए।
इसके साथ ही ओपन बुक पद्धति और ऑनलाइन परीक्षा कराने के विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं। एक केंद्र से ऑनलाइन परीक्षा कराने की शुरुआत की जाएगी। संगोष्ठी में विभिन्न प्रदेशों के शिक्षा बोर्ड, एनसीईआरटी, सीबीएसई, आइसीएसई आदि बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव आनलाइन शामिल हुए। दो दिवसीय संगोष्ठी के माध्यम से नई शिक्षा नीति पर कार्ययोजना बनाई जाएगी, जिसे मप्र स्कूल शिक्षा विभाग लागू करेगा। संगोष्ठी में विभिन्न् बोर्डों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत किए गए कार्यों का प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
संगोष्ठी में सभी बोर्ड के अध्यक्ष, सचिव ने नई शिक्षा नीति के तहत क्या बदलाव किए उस पर ऑनलाइन विचार रखे। स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। अन्य राज्यों के विचार सुनने के बाद संगोष्ठी के माध्यम से निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।