भोपाल। पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार 13 दिसंबर से पहले शुरू होने जा रही है। इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने कहा है कि चुनाव कराने के लिए मतदान कराने वाले पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों की जिलों में कमी होने पर अन्य जिलों से पूर्ति की जाएगी। इसके लिए कलेक्टरों की डिमांड पर दूसरे जिलों से मतदान दल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग ने संभागायुक्तों को दी है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा है कि मतदान दल उस ब्लाक (विकासखंड) में ड्यूटी नहीं करेंगे, जहां वे तैनात हैं। किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को उस ब्लाक में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी नियुक्त नहीं किया जा सकेगा, जहां का वह मूल निवासी है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इसके साथ ही 60 साल की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों और अधिकारियों को मतदान ड्यूटी से मुक्त रखा गया है। इस चुनाव में संविदा कर्मचारियों की सेवाएं ली जा सकेंगी।
सचिव बीएस जामोद ने बताया कि अगर मतदान दल में पुरुष पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं हैं तो मतदान अधिकारी क्रमांक 2 और 3 के लिए महिलाओं की ड्यूटी उसी ब्लाक में लगाई जा सकेगी, जिस विकासखंड में पदस्थ हैं। इन महिला कर्मचारियों को रात में मतदान स्थल पर रुकने से राहत दी है। आयोग ने कहा है कि महिला अधिकारी व कर्मचारी मतदान शुरू होने से एक घंटा पहले तक मतदान केंद्र पहुंचने की छूट रहेगी।
आयोग ने कलेक्टरों से यह भी कहा है कि ज्यादा दिक्कत होने की दशा में बैंकों और अन्य केंद्रीय विभागों के कर्मचारियों की सेवाएं भी मतदान कराने के लिए ली जा सकेंगी। आयोग ने कहा है कि सहकारी संस्थाओं और मंडी समितियों के कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान दल में लगाई जा सकेगी लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी नहीं बनाया जा सकेगा।
आयोग ने कहा है कि न्यायिक कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मचारियों को भी मतदान ड्यूटी से राहत दी गई है। संविदा के रूप में 3 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को मतदान दल में कर्मचारियों की संख्या कम होने पर ड्यूटी में तैनात किया जा सकेगा, लेकिन ये कर्मचारी पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी क्रमांक एक नहीं बनाए जाएंगे। इन्हें मतदान अधिकारी क्रमांक दो या तीन बनाया जा सकता है।