भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अहम खबर है। राज्य में पिछले दो वर्षों से ट्रांसफर पर लगा प्रतिबंध मार्च में हटने की संभावना है। इस दौरान कलेक्टर, कमिश्नर, एसडीएम और तहसीलदार सहित 65,000 कर्मचारियों के तबादले की प्रक्रिया शुरू होगी।
जनवरी में कलेक्टर और एसडीएम के तबादले
सूत्रों के अनुसार, वोटर्स लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद जनवरी महीने में कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदारों के तबादले शुरू होंगे।
ट्रांसफर नीति का इंतजार
विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान सरकार ने ट्रांसफर नीति घोषित नहीं की थी, और तबादले केवल मुख्यमंत्री के समन्वय से हो रहे थे। चुनावों के बाद से मंत्री और विधायक नीति की घोषणा की मांग कर रहे हैं।
मार्च में हटेगा ट्रांसफर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रियों को आश्वासन दिया है कि मार्च से ट्रांसफर प्रतिबंध हट जाएगा। सीमित संख्या में ट्रांसफर के अधिकार मंत्रियों को दिए जाएंगे, और प्रभारी मंत्री अपने जिलों में स्थानांतरण कर सकेंगे।
प्राथमिकता के आधार पर नियुक्तियां
दो वर्षों का कार्यकाल सुनिश्चित करने के लिए उन अफसरों को प्राथमिकता दी जाएगी जो बेहतर प्रदर्शन और जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय में सफल रहे हैं।
मंत्रालय स्तर पर बदलाव
अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा 1 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। कई सचिव और प्रमुख सचिव का प्रमोशन हो चुका है, और उनकी जिम्मेदारियों में बदलाव किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कार्रवाई की
मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्त कदम उठाए। तीन अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया गया और एक कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए।
लापरवाही पर कार्रवाई
– रीवा की छात्रा शीतल तिवारी को “गांव की बेटी” योजना का लाभ न मिलने पर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी को निलंबित किया गया।
– गुना जिले में सांप के काटने से हुई मौत के बाद मुआवजा राशि न मिलने की शिकायत पर संबंधित पटवारी को निलंबित किया गया और अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।