बिल्लियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि, चिकन-मटन बिक्री पर रोक, कलेक्टर ने दिए आदेश

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में बिल्लियों में H5N1 बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मच गया है। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 1 किलोमीटर के क्षेत्र को क्वारंटाइन कर दिया है और चिकन व मटन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, लिंगा ग्राम पंचायत और शहर के अन्य हिस्सों को भी निगरानी में रखा गया है।

कुछ बिल्लियों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हुई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए।

कलेक्टर का आदेश
छिंदवाड़ा नगर निगम के वार्ड नंबर 3 और 30 के कुछ बिल्लियों के मालिकों से सैंपल लिए गए थे, जिनके पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। जिला कलेक्टर ने कहा कि जिन परिवारों से सैंपल लिए गए हैं, उन्हें क्वारंटाइन किया गया है।

1 किलोमीटर के दायरे में 30 दिनों तक चिकन और मटन की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, सभी दुकानों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है, और उपलब्ध पोल्ट्री उत्पादों को नष्ट कर दिया गया है। अगले आदेश तक इन उत्पादों के प्रवेश पर रोक जारी रहेगी। रेस्टोरेंट्स को नॉनवेज परोसने से भी मना किया गया है।

संक्रमित क्षेत्र घोषित किए गए 9 वार्ड
छिंदवाड़ा नगर निगम के 9 वार्ड (6, 7, 8, 28, 29, 30, 31, 41, और 45) को बर्ड फ्लू से संक्रमित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा, सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्र और लिंगा ग्राम पंचायत को सर्वेयरेंस क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है।

H5N1 बर्ड फ्लू क्या है
H5N1 बर्ड फ्लू आमतौर पर पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन यह अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक यह संक्रमण पहुंच सकता है, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। बिल्लियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सख्त कदम उठाए हैं।

सावधानी बरतने की अपील
– कच्चे मांस से बचें और उसे अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
– हाथों को साबुन से धोएं।
– यदि किसी जानवर में बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।

बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण दो से आठ दिनों के भीतर सामान्य फ्लू की तरह दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि खांसी, बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, और सांस लेने में तकलीफ। यह बीमारी मनुष्यों में उच्च मृत्यु दर का कारण बन सकती है। यदि लक्षणों के दो दिनों के भीतर एंटीवायरल दवाएं ली जाएं, तो राहत मिल सकती है।

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